Jharkhand receives a major gift: चार जिलों में खुलेंगे नए मेडिकल कॉलेज, केंद्र ने पीपीपी मॉडल पर दी मंजूरी!

Wed, Oct 29 , 2025, 08:14 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

रांची: झारखंड को कल केंद्र सरकार की ओर से एक बड़ी सौगात मिली है। भारत सरकार ने राज्य सरकार के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत झारखंड में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर चार नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। यह स्वीकृति भारत सरकार की “पीपीपी मोड में मेडिकल कॉलेज स्थापना योजना” के तहत दी गई है, जिसका उद्देश्य देशभर में चिकित्सा शिक्षा का विस्तार और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाना है।

नई दिल्ली में कल वित्तीय मामलों के विभाग की बैठक आयोजित की गई, जिसमें झारखंड सरकार की ओर से स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने प्रस्तुति दी। प्रस्तुति के बाद केंद्र ने झारखंड में चार जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की स्वीकृति दे दी।खूँटी – 50 एम.बी.बी.एस. सीटें, जामताड़ा – 100 एम.बी.बी.एस. सीटें, धनबाद – 100 एम.बी.बी.एस. सीटें और गिरिडीह – 100 एम.बी.बी.एस. सीटें वाली मेडिकल कॉलेज खुलेंगे।

यह परियोजना वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के आर्थिक कार्य विभाग डिपार्टमेंट ऑफ़ इकोनॉमिक्स अफेयर्स द्वारा संचालित वाइबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) सब स्कीम–1 एवं सब स्कीम –2 के अंतर्गत कार्यान्वित की जाएगी। धनबाद परियोजना वीजीएफ सब स्कीम–1 के अंतर्गत तथा शेष परियोजनाएँ वीजीएफ सब स्कीम 2 के तहत कार्यान्वित की जाएंगी।

इस उप-योजना के तहत –
भारत सरकार 40% पूंजीगत व्यय सहायता तथा 25% परिचालन व्यय सहायता प्रदान करेगी।
जबकि राज्य सरकार 25% से 40% तक कैप्स तथा 15% से 25% तक आपैक्स सहायता के रूप में योगदान देगी।
सब स्कीम 1 के अंतर्गत कैप्स सहायता भारत सरकार से 30% तथा राज्य सरकार से 30% के अनुपात में प्रदान की जाएगी।
इस साझेदारी से न केवल चिकित्सा शिक्षा में सुधार होगा, बल्कि राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।

राज्य में नए मेडिकल कॉलेज खुलने से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता में उल्लेखनीय सुधार होगा। साथ ही चिकित्सा शिक्षा की पहुँच बढ़ेगी और स्वास्थ्य अवसंरचना को नई मजबूती मिलेगी। राज्य सरकार ने इसे झारखंड की दीर्घकालिक स्वास्थ्य नीति का ऐतिहासिक कदम बताया है।

राज्य के अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि "झारखंड के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेजों के खुलने से राज्य में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा, साथ ही स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।"

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