Sankashti Chaturthi 2025: ये 5 राशियां हो जाएँ तैयार! बरसेगी बप्पा की कृपा,  10 अक्टूबर संकष्टी चतुर्थी लेकर आ रही है आरोग्य और सौभाग्य; जानें चंद्रोदय का समय, तिथि और मुहूर्त   

Wed, Oct 08 , 2025, 04:26 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Auspicious Zodiac Signs for Sankashti Chaturthi: अक्टूबर 2025 में संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2025) शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को आ रही है। इसे वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी (Vakratunda Sankashti Chaturthi) के नाम से भी जाना जाता है। यह चतुर्थी तिथि आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में आती है। इस दिन उत्तर भारत में विवाहित महिलाएँ अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ (Karwa Chowth 2025) का व्रत भी रखती हैं। इस दिन विघ्नों और संकटों को दूर करने वाले भगवान गणेश के वक्रतुण्ड स्वरूप की पूजा की जाती है। संकष्टी चतुर्थी और करवा चौथ (Sankashti Chaturthi and Karva Chauth) का संयोग कुछ राशियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा। जानिए उन भाग्यशाली राशियों के बारे में..

संकष्टी चतुर्थी की भाग्यशाली राशियाँ कौन सी हैं?
वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए यह योग बेहद शुभ रहेगा। आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी। नौकरीपेशा लोगों को कोई नया अनुबंध या साझेदारी का प्रस्ताव मिल सकता है, जो भविष्य में लाभदायक होगा। नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति या नई ज़िम्मेदारियाँ मिलने के संकेत हैं। पारिवारिक जीवन में भी शांति और सौहार्द का माहौल रहेगा। प्रेम संबंध मज़बूत होंगे और जीवनसाथी के साथ संबंध और मधुर बनेंगे।

कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए यह योग बेहद शुभ माना जाता है, इन लोगों को अपने करियर में तेज़ी से प्रगति मिलने की उम्मीद है। सरकारी नौकरी या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे लोगों को सफलता मिलने की संभावना है। व्यापार में नए अवसर मिलेंगे और पहले से रुके हुए प्रोजेक्ट अब गति पकड़ सकते हैं। पारिवारिक जीवन में लंबे समय से चले आ रहे विवाद सुलझ सकते हैं। रिश्तों में मधुरता और विश्वास बढ़ेगा।

धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए यह योग जीवन में स्थिरता और प्रगति लाएगा। जो लोग नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, उनके लिए यह समय अनुकूल रहेगा। कंपनियों में वरिष्ठ पदों पर आसीन लोगों को नेतृत्व के नए अवसर मिल सकते हैं। विदेश यात्रा या विदेश से जुड़े कार्यों में भी सफलता मिल सकती है। पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में सकारात्मक संवाद और समझ बढ़ेगी, जिससे रिश्ते मज़बूत होंगे।

मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए यह योग बेहद लाभकारी रहेगा। आपको जीवन में लाभ होगा। मिथुन राशि वालों को सुख-समृद्धि मिलेगी। आपकी आय में वृद्धि होगी और आपका मान-सम्मान भी बढ़ेगा।

कन्या राशि
कन्या राशि वालों को संकष्टी चतुर्थी के दिन लाभ होगा। कन्या राशि वालों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और यह गोचर आर्थिक लाभ लेकर आएगा। इस दौरान आपको कोई समाचार प्राप्त हो सकता है। भाग्य आपका साथ देगा।

चंद्रोदय का समय महत्वपूर्ण
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रमा के दर्शन के बाद ही यह व्रत पूर्ण माना जाता है, इसलिए चंद्रोदय का समय बहुत महत्वपूर्ण है। पंचांग के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी 2025 का शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय इस प्रकार है:

चतुर्थी तिथि प्रारंभ - 9 अक्टूबर 2025, रात्रि 10:54 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त - 10 अक्टूबर 2025, शाम 7:38 बजे
चंद्रोदय - 10 अक्टूबर 2025, रात्रि 8:13 बजे

संकष्टी चतुर्थी 2025 का महत्व
संकष्टी चतुर्थी का अर्थ है "कठिनाइयों को दूर करने वाली चतुर्थी"। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान गणेश के वक्रतुंड रूप की विधि-विधान से पूजा करने से भक्तों के जीवन के सभी कष्ट, बाधाएँ और समस्याएँ दूर हो जाती हैं। भगवान स्वयं अपने भक्तों के विघ्नों को दूर करते हैं। सच्ची श्रद्धा और समर्पण के साथ इस व्रत को करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। यह व्रत संतान, स्वास्थ्य, धन और समृद्धि के लिए विशेष फलदायी माना जाता है।

करवा चौथ योग 
उत्तर भारत में, इस चतुर्थी तिथि को करवा चौथ के रूप में भी मनाया जाता है। यह एक अत्यंत शुभ अवसर है। भगवान गणेश अपने भक्तों के कष्टों का निवारण करते हैं, जबकि विवाहित महिलाएँ चंद्रमा की पूजा करके अपने पति की दीर्घायु और सौभाग्य की कामना करती हैं।

वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी व्रत और पूजा विधि

  • सुबह सूर्योदय से पहले उठें, स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • फिर, हाथ में जल, अक्षत, पुष्प लेकर व्रत का संकल्प लें।
  • घर के मंदिर या पूजा स्थल की सफाई करें।
  • भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • गणेश को पंचामृत से स्नान कराएँ। फिर कुमकुम, चंदन, अक्षत, दूर्वा,
  • पीले फूल, पवित्र धागा, धूप और दीप अर्पित करें।
  • भोग: भगवान गणेश को मोदक या लड्डू का भोग लगाएँ, क्योंकि ये उन्हें बहुत प्रिय हैं।
  • पूरे दिन व्रत रखें या फल खाएं और भगवान गणेश के मंत्र का जाप करें।
  • मंत्र: वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देवा सर्वकार्येषु सर्वदा।
  • शाम के समय संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें।

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