Father Responsibility: जब एक छोटी बच्ची 15 से 18 साल की उम्र के बीच किशोरावस्था से वयस्कता की ओर बढ़ रही होती है, तो उसके जीवन में कई बड़े बदलाव आते हैं। पिता का साथ। यह दौर उसकी सोच और आत्मविश्वास की नींव रखता है। ऐसे समय में, माँ की तरह ही पिता का साथ भी उसके लिए बहुत ज़रूरी होता है।
उसका मूल्य: पिता को हमेशा लड़की को यह समझाना चाहिए कि उसका असली मूल्य दूसरों की राय या समाज द्वारा लिए गए निर्णयों पर निर्भर नहीं करता। वह अपनी पहचान खुद बनाती है।
'ना' कहना सीखें: अक्सर लड़कियों को दूसरों को ठेस न पहुँचाने के लिए "ना" कहना मुश्किल लगता है। लेकिन पिताओं को उसे यह समझाना चाहिए कि "ना" कहना भी साहस का एक रूप है।
अन्याय के खिलाफ आवाज़: लोग कहते हैं कि चुप रहना ताकत की निशानी है, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता। अगर आपको कुछ अनुचित लगे, या आप कुछ गलत अनुभव करें, तो आपको चुप नहीं रहना चाहिए।
शिक्षा: पिताओं को अपनी बेटियों को हमेशा याद दिलाना चाहिए कि उनकी असली ताकत उनकी शिक्षा, ज्ञान और कौशल में निहित है। यह एक ऐसी ताकत है जिसे कोई उनसे छीन नहीं सकता।
अपने वादे निभाना: अपने वादे निभाना और एक-दूसरे पर भरोसा बनाए रखना आपके रिश्ते के लिए ज़रूरी है। क्योंकि भरोसा एक लड़की के लिए सबसे अनमोल संपत्ति है, जो उसके जीवन को मज़बूत बनाता है।
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Wed, Oct 08 , 2025, 10:40 AM