नयी दिल्ली: कनाल के साथ एक विशेष बातचीत में, अखिल भारतीय पंजाब नेशनल बैंक अधिकारी महासंघ (AIPNBOF) के महासचिव कृष्ण कुमार 9 अक्टूबर की राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल के कारणों की व्याख्या करते हैं।
5-दिवसीय बैंकिंग की मांग क्यों?
बेहतर कार्य-जीवन संतुलन: बैंक कर्मचारी और अधिकारी लंबे काम के घंटों और तनाव से राहत चाहते हैं, ताकि वे परिवार और व्यक्तिगत जीवन के लिए अधिक समय निकाल सकें।
उत्पादकता में वृद्धि: उनका मानना है कि कम कार्य दिवसों के साथ, कर्मचारी अधिक केंद्रित और उत्पादक होंगे।
वैश्विक प्रथाओं के साथ तालमेल: कई अन्य वित्तीय संस्थान और सरकारी संगठन पहले से ही 5-दिवसीय कार्य सप्ताह का पालन करते हैं।
हड़ताल का कारण:
वादे पूरे न होना: कुछ यूनियनों ने आरोप लगाया है कि बैंकरों की 5-दिवसीय कार्य सप्ताह की मांग पर बार-बार संवाद के बावजूद, निर्णय लेने में देरी हुई है।
कर्मचारियों की कमी: कर्मचारी संगठनों का कहना है कि बैंकों में पर्याप्त स्टाफ नहीं है, जिससे मौजूदा कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ता है।
अन्य मुद्दे: कर्मचारियों ने NPS के तहत कुछ नीतियों, तीसरे पक्ष के उत्पादों पर दबाव, और कुछ भत्तों पर प्रस्तावित कराधान जैसे मुद्दों पर भी चिंता जताई है।
वे इन विषयों पर खुलकर बात करते हैं: 2015 से पाँच-दिवसीय बैंकिंग की माँग लंबित है। युवा अधिकारियों में बढ़ता तनाव, लंबे घंटे और बढ़ती स्वास्थ्य समस्याएँ। नौकरशाही और व्यावसायिक लॉबी इस बदलाव का विरोध कर रही है।
अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है, तो अगले कदम क्या होंगे, जिनमें जंतर-मंतर पर संभावित धरना भी शामिल है। यह समझने के लिए यह विस्तृत साक्षात्कार देखें कि भारत भर के बैंकर क्यों कह रहे हैं - "शनिवार की छुट्टी कोई विलासिता नहीं, बल्कि जीवन रेखा है।"
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Wed, Oct 08 , 2025, 08:02 AM