नयी दिल्ली: पूंजी बाजार नियामक सेबी ने दो मामलों में अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग के आरोपों को गुरुवार को तथ्यहीन करार दिया और कहा कि समूह की ओर से बाजार नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है। अडानी समूह के प्रमुख ने इस फैसलों का स्वागत करते हुए कहा कि उस समय गलत रिपोर्ट को प्रचारित करने वालों के देश से माफी मांगनी चाहिए।
सेबी के पूर्ण कालिक सदस्य कमलेश सी. वाष्णेय ने इन मामलों में अपने फैसलों में कहा, "मामले पर पूर्णता में विचार करने के बाद, मैंने पाया कि आरोप साबित नहीं होते हैं।" इन मामलों में एक माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स प्राइवेट लिमिटेड और रेहवर इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के साथ अडानी समूह के लेन-देन से जुड़ा है। दूसरा मामला एडीकॉर्प इंटरप्राइजेज लिमिटेड के साथ लेन-देन से जुड़ा है।
गौरतलब है कि अमेरिका की सटोरिया कंपनी हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि अडानी इंटरप्राइजेज और अडानी पावर मुन्द्रा लिमिटेड ( जिसका अब अडानी पावर में विलय हो चुका है) को वित्त वर्ष 2020-21 में माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स और रेहवर इंफ्रास्ट्रक्चर से अडानी इंफ्रा (इंडिया) के जरिये पैसे मिले थे। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में इस धन के स्रोत पर सवाल उठाये गये थे।
अब बंद हो चुकी अमेरिकी फर्म ने एक और आरोप लगाया था कि एडीकॉर्प इंटरप्राइजेज का इस्तेमाल अडानी समूह की विभिन्न कंपनियों के माध्यम से अडानी पावर को धन पहुंचाने के लिए किया गया था। आरोप था कि अडानी समूह की इन चार कंपनियों ने एडीकॉर्प को 2020 में कुल 6.2 अरब रुपये का ऋण दिया जिसका उन्होंने अपनी वित्तीय रिपोर्ट में उल्लेख नहीं किया।
सेबी ने आज के निर्णय में कहा है कि ये लेन-देन एक ही समूह के तहत आने वाली कंपनियों के बीच के लेनदेन की श्रेणी में नहीं आते । सेबी ने व्यवस्था दी है कि इन सौदों में कंपनियों के शेयरों की बाजार सूचीबद्धता संबंधी दायित्वों और सार्वजनिक सूचना के नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।
अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने सेबी के इन फैसलों के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "विस्तृत जांच के बाद सेबी ने भी उस बात की पुष्टि कर दी जो हम हमेशा से कहते आ रहे थे, कि हिंडेनबर्ग के दावे आधारहीन हैं। पारदर्शिता और ईमानदारी हमेशा से अडानी समूह के गुण रहे हैं।"
उन्होंने "भ्रामक और निहित स्वार्थ से प्रेरित रिपोर्ट" के कारण (उस समय) नुकसान उठाने वाले निवेशकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुये कहा कि जिन लोगों ने गलत कथानक को प्रचारित किया उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिये।
अपने पोस्ट के अंत में अडानी ने लिखा, "सत्यमेव जयते! जय हिंद!". उल्लेखनीय है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर विपक्ष के कई दलों के नेताओं ने अडानी समूह और सरकार के बीच साठगांठ का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पर हमला बोला था।
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