नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के कार्यकाल में हर स्वतंत्रता दिवस पर ऐतिहासिक लाल किले (historic Red Fort) से राष्ट्र के नाम उनके संबोधन के अवसर पर उनके भाषण के विभिन्न बिंदुओं के साथ उनकी पगड़ी की चर्चा एक अनिवार्य विषय रहती है। मोदी हर बार अलग-अलग शैली और कलेवर वाली पगड़ी पहन (different styles and designs) कर लाल किले की प्राचीर पर ध्वज फहराते हैं। उनकी ये पगड़ियां परंपरा (blending tradition) और आधुनिकता के समन्वय के साथ राष्ट्र एकता (national unity) के साथ अंतर्निहित प्रतीकात्मक संदेश देती हैं। मोदी ने 2014 में पहली बार लाल किले पर तिरंगा फहराया था।
इस वर्ष प्रधानमंत्री ने भगवा रंग की पगड़ी के साथ कंधे पर तिरंगा पटका लगा रखा था, जिसे शक्ति और देश भक्ति का संदेश के रूप में लिया गया। ऑपरेशन सिंदूर और देश के खिलाफ अमेरिका द्वारा लगाये गये भारी आयात शुल्क के बीच श्री मोदी ने इस बार के अपने संबोधन में स्वदेशी और आत्म निर्भरता पर बल दिया था।
लाल किले की प्राचीर से संबोधन के समय प्रधानमंत्री मोदी द्वारा धारण की गयी पगड़ियों की शैली और विशेषता इस प्रकार रही है। प्रधानमंत्री ने 2014 में चटकीले लाल और हरे रंग की जोधपुरी बंधेज पगड़ी बांध रखी थी। यह पगड़ी राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने के साथ समृद्ध भारतीय संस्कृति का प्रतीक थी।
वर्ष 2015 में विविवधता और उत्साह का संदेश देते हुए पीले रंग की उनकी पगड़ी में लाल और गहरे हरे रंग की आड़ी तिरछी धारियां थीं। पारंपरिक राजस्थानी शैली की विशेषता वाली इस पगड़ी में लंबी पूंछ टखनों तक लटकी थी।मोदी ने 2016 में उत्साह और रचनात्मकता का संदेश देते हुए गुलाबी और पीले रंग की एक अनूठी छवि वाली टाई-डाई पगड़ी पहनी थी और 2017 के स्वतंत्रता दिवस पर उनकी पगड़ी उत्सव के प्रतीक चमकीली पीले रंग की थी।
यह पगड़ी उनके सकारात्मक और दूरदर्शी भाषण के साथ राष्ट्रीय गौरव और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित कर रही थी। साल 2018 में उनकी पगड़ी बलिदान और साहस के प्रतीक केसरिया रंग की थी, जो लाल पैटर्न से सजी थी।
इसकी टखनों तक लंबी पूंछ इसे और आकर्षक बना रही थी। वर्ष 2019 में उन्होंने लोक कला और सांस्कृतिक विविधता की स्मृति में कढ़ाई वाली भगवा पगड़ी पहनीं थी, जो राष्ट्रीय गौरव और भारत की कलात्मक विरासत को दर्शा रही थी। इसके साथ पैटर्न वाले दुपट्टा उनकी छवि को और समृद्ध बना रहा था।
मोदी ने 2020 में कोविड-19 महामारी के बीच सफेद कुर्ते और नारंगी-सफेद दुपट्टे के साथ एकता और रक्षा की भावना को प्रदर्शित करते हुए भगवा और क्रीम रंग की पगड़ी पहनी जो सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक थी।
वह 2021 में केसरिया पगड़ी, गुलाबी लकीरों के साथ लंबी पूंछ वाली पकड़ी धारण किये हये थे। इसे सामूहिकता एवं जीवंतता के प्रतीक के रूप में देखा गया। इसके साथ उनका सफेद कुर्ता, चूड़ीदार और नीली जैकेट के साथ जोड़ा गया, जो परंपरा और आधुनिकता का मिश्रण दर्शा रहा था।
उन्होंने 2022 में राष्ट्र प्रेम और एकता का संदेश देते हुए हर घर तिरंगा अभियान के अनुरूप तिरंगे रंगों वाली पगड़ी पहनी थी, जो राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की याद दिलाती थी। वर्ष 2023 में प्रधानमंत्री के सर पर पारंपरिक संरचना और विविधता का प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए पीले, हरे और लाल रंगों वाली बांधनी प्रिंट राजस्थानी पगड़ी पहनी। इसे ऑफ-व्हाइट कुर्ते और काले वी-नेक जैकेट के साथ जोड़ा गया।
वर्ष 2024 में मोदी प्रकृति प्रेरित डिजाइन सांस्कृतिक विरासत को नमन करते हुए नारंगी, पीले और हरे रंग की लहरिया प्रिंट वाली राजस्थानी पगड़ी पहन कर लाल किले पर ध्वजारोहण किया था। इसे सफेद कुर्ते और हल्के नीले नेहरू जैकेट के साथ जोड़ा गया, जो भारत की विविधता और एकता को दर्शाता था।
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Wed, Sep 17 , 2025, 01:23 PM