Veer Savarkar Sports Complex Inauguration: अमित शाह ने वीर सावरकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का किया उद्घाटन!

Mon, Sep 15 , 2025, 08:22 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

अहमदाबाद: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि अहमदाबाद देश की खेल राजधानी बनने जा रहा है। विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम 'नरेन्द्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम' मोटेरा में है। इसके पास ही सैकड़ों एकड़ में फैला सरदार पटेल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बन रहा है। वीर सावरकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनकर तैयार है। ऐसी कई खेल सुविधाएं अहमदाबाद में निर्माणाधीन हैं।

वह यहां नारणपुरा में 825 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित वीर सावरकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जब वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास नारणपुरा में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स निर्माण का प्रस्ताव लेकर गए थे, तो उन्होंने विश्व स्तरीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण करने को कहा था, और आज विश्व स्तर का वीर सावरकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनकर तैयार हो चुका है। यह स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स भारत में सबसे बड़ा और विश्व में सबसे आधुनिक खेल परिसर है। 

मोदी ने 2047 तक भारत को विश्व के हर क्षेत्र में पहले स्थान पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है और यह लक्ष्य अवश्य पूरा होगा। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने खेल क्षेत्र से जुड़ी न केवल योजनाएं बनाईं, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि खेलों का बुनियादी ढाँचा और खिलाड़ियों की ट्रेनिंग विश्वस्तरीय हो, खिलाड़ियों का चयन पारदर्शी हो, और अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिले। उनके द्वारा किए गए परिवर्तनों के परिणामस्वरूप पिछले 10 वर्षों में भारत के खेल जगत में अभूतपूर्व बदलाव आया है।

शाह ने कहा कि आज जिस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का लोकार्पण किया गया, उसका नाम महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के नाम पर रखा गया है। बहुत कम लोगों को पता होगा कि विश्व में सबसे लंबी तैराकी अगर किसी ने की है, तो वह वीर सावरकर थे। जब अंग्रेज वीर सावरकर को कैद करके भारत ला रहे थे, तब फ्रांस के निकट मार्सेल्स बंदरगाह पर उन्होंने हाथ-पैर में बेड़ियों के रहते ही जहाज से समुद्र में छलांग लगा दी और तैरकर फ्रांस की धरती पर पहुँच गए। इससे अंग्रेज उन्हें तुरंत पकड़ न सके। दुर्भाग्यवश, अंग्रेजों ने उन्हें बाद में पकड़ लिया और भारत लाए।

शाह ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में वीर सावरकर एकमात्र ऐसे सेनानी थे, जिन्हें दो-दो बार आजीवन कारावास की सजा यानि कुल 120 वर्ष की सजा मिली। जब वीर सावरकर कालापानी की सजा के तहत अंडमान-निकोबार पहुँचे, तब अंग्रेज जेलरों ने उन्हें मिली 120 वर्षों की सजा के कारण उनसे कहा कि वह कभी बाहर नहीं निकल सकेंगे। तब वीर सावरकर ने जवाब दिया कि इतने साल अंग्रेजों की सरकार नहीं चलेगी। भारत स्वतंत्र होगा और हम अंग्रेजों को बाहर निकाल फेंकेंगे।

गृह मंत्री ने कहा कि वीर सावरकर ने अटूट उत्साह और समर्पण के साथ स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, जिसे अंग्रेजों ने अपनी शिक्षा प्रणाली में 'विप्लव' का नाम दिया था, उसे वीर सावरकर ने सबसे पहले '1857 का पहला स्वतंत्रता संग्राम' कहकर भारत के स्वतंत्रता के विचार को विश्व मंच पर प्रस्तुत किया। इसके परिणामस्वरूप उन्हें अनेक कष्ट सहने पड़े।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने विश्वास जताया कि वीर सावरकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में प्रशिक्षण लेने और खेलने आने वाले खिलाड़ियों की प्रेरणा केवल पदक जीतना नहीं होगी, बल्कि विश्व भर में विजयी होकर माँ भारती के लिए गौरव हासिल करना होगा। कुछ दिन पहले अहमदाबाद में दो अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाएँ आयोजित हुईं, जिनमें विश्व भर के विभिन्न खेल महासंघों के अध्यक्षों ने कहा कि वीर सावरकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स विश्व का सबसे आधुनिक खेल परिसर है।

यह स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स न केवल आधुनिक है, बल्कि विशाल और पूर्ण सुविधायुक्त भी है। यहाँ खेलकूद की उत्कृष्ट व्यवस्था है, प्रशिक्षण के लिए हॉस्टल की सुविधा है, कोच के ठहरने की व्यवस्था है, और खिलाड़ियों के लिए हर प्रकार की चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यहाँ खेलों से जुड़े विशेषज्ञ, पोषण विशेषज्ञों (डायटिशियन्स) का मार्गदर्शन भी खिलाड़ियों को मिलेगा। साथ ही, यहाँ एक सुंदर थिएटर भी है, जहाँ खिलाड़ी अपनी खेल तकनीकों को स्लो-मोशन में देखकर अपने प्रदर्शन को और बेहतर बना सकेंगे।

उन्होंने कहा कि एक लाख 19 हजार वर्ग मीटर में फैले इस विशाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में सात प्रवेश द्वार, 900 वाहनों की पार्किंग, 275 किलोवाट का सौर ऊर्जा संयंत्र, और 60 केएलडी क्षमता का सीवेज उपचार संयंत्र भी शामिल है। यह पूर्ण रूप से ग्रीन कॉम्प्लेक्स है, जिसे भारत सरकार और गुजरात सरकार ने मिलकर बनाया है। वीर सावरकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स फिट इंडिया जोन और आउटडोर स्पोर्ट्स जोन है। एक तरह से सभी खेलों के विकास, ट्रेनिंग और पदक जीतने तक की सारी सुविधाओं से यह स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स लैस है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत सरकार के युवा कार्य और खेल मंत्रालय ने पिछले 10 वर्षों में कई बड़े परिवर्तन किए हैं। उन्होंने कहा कि 2014-15 में इस देश का खेल बजट 1643 करोड़ रुपए था, लेकिन मोदी जी ने इसे बढ़ाकर 5300 करोड़ रुपए कर दिया है। नए स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर, खेलो इंडिया सेंटर, राज्य उत्कृष्टता केंद्र, मान्यता प्राप्त अकादमियाँ, और खेलो इंडिया के खिलाड़ियों की अकादमी, उनकी चिकित्सा सुविधा, न्यूट्रिशन सुविधा, उनकी चोट ठीक करने की व्यवस्था, यह सारी व्यवस्था करने के लिए 5300 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, खेलो इंडिया पैरा गेम्स, खेलो इंडिया विंटर गेम्स की शुरुआत की और 2025 में खेल जगत में भारत को सर्वोच्च बनाने के लिए डॉ. मांडविया एक सुगठित नई खेल नीति लेकर आए। नई स्पोर्ट्स पॉलिसी के पाँच मंत्र हैं, यथा वैश्विक मंच पर हम सबसे आगे रहें, खेल के माध्यम से आर्थिक विकास भी हो, सामाजिक विकास भी हो, खेल को खेल जैसा नहीं, एक जन आंदोलन बनाएँ और शिक्षा के साथ स्पोर्ट्स का समन्वय हो।

उन्होंने कहा कि इसका परिणाम यह रहा है कि 1948 से 2012 तक भारत को ओलंपिक्स में कुल 20 मेडल मिले थे, और पिछले 8 वर्षों में भारत ओलंपिक्स में 15 मेडल जीत चुका है। पैरा ओलंपिक्स में कुल 8 मेडल मिले थे, अब 52 मिल चुके हैं। दो पैरा ओलंपिक्स में कुल दो मेडल मिले थे, अब 22 मिल चुके हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि खेलो इंडिया और फिट इंडिया जैसी मुहिम के कारण अब हमें मेडल मिल रहे हैं। टॉप्स स्कीम के तहत, ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को हर महीने 25,000 रुपए, कोर ग्रुप के खिलाड़ियों को 25,000 रुपए और शीर्ष स्तर पर ओलंपिक में खेलने वाले खिलाड़ियों को 50,000 रुपए की सहायता दी जा रही है। 

प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसी सुविधाएँ उपलब्ध कराईं, जिनके परिणामस्वरूप पूरे भारत में खेलों का माहौल बना है। इस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और अहमदाबाद की विभिन्न खेल सुविधाओं में 2029 में विश्व भर की पुलिस और फायर ब्रिगेड की खेल स्पर्धाएँ भारत में आयोजित होंगी। 2036 तक अहमदाबाद में 13 अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाएँ आयोजित की जाएँगी, ताकि अहमदाबाद न केवल गुजरात, बल्कि पूरे एशिया में खेलों का केंद्र बन जाए। वर्ष 2036 में अहमदाबाद शहर में ओलंपिक्स के आयोजन के लिए भारत सरकार हर संभव तैयारी कर रही है।

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