श्रीनगर: कश्मीर के प्रमुख धर्मगुरु और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक (Hurriyat Conference chairman Mirwaiz Umar Farooq) ने आरोप लगाया है कि पुराने श्रीनगर स्थित ऐतिहासिक जामिया मस्जिद (historic Jamia Masjid) में धार्मिक आयोजन से पहले अधिकारियों ने उन्हें नजरबंद कर दिया है। मीरवाइज ने कहा कि कई बड़े धार्मिक विद्वानों को इस धार्मिक आयोजन (religious scholars) में भाग लेना था। लेकिन उन्हें बाहर जाने से रोक दिया गया। हुर्रियत नेता ने अधिकारियों पर कश्मीर के धार्मिक मामलों में लगातार हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है।
मीरवाइज ने सोशल मीडिया पर लिखा, "हमारे मानवीय और राजनीतिक अधिकारों का पहले से ही हनन किया जा रहा है। फिर हमारे धार्मिक मामलों में लगातार हस्तक्षेप हो रहा है, जिसके उदाहरण के तौर पर हमें बंद करना, हजरतबल में अशोक पट्टिका से लेकर मुस्लिम कैलेंडर के त्योहारों में दखलंदाजी और मस्जिदों में धार्मिक आयोजनों की अनुमति न देने जैसे मुद्दों पर हमारी आवाज दबाना शामिल है।"
उन्होंने कहा कि जामिया मस्जिद का मंच धार्मिक हस्तक्षेप या लोगों के अधिकारों के उल्लंघन और उनके अधिकारों के हनन के खिलाफ आवाज उठाता रहेगा। जम्मू-कश्मीर पुलिस और उपराज्यपाल प्रशासन ने मीरवाइज के आरोपों का कोई जवाब नहीं दिया।
इधर प्रशासन ने हजरतबल दरगाह पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है क्योंकि हजारों लोगों के जुमे की नमाज में शामिल होने की उम्मीद है, जो पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के जश्न के एक सप्ताह के समापन का प्रतीक है। गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को दरगाह पर श्रद्धालुओं ने राष्ट्रीय प्रतीकचिन्ह को तोड़ दिया था, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया और कई श्रद्धालुओं से पूछताछ की।
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Fri, Sep 12 , 2025, 04:16 PM