Fungal infection vs sweat rash: त्वचा विशेषज्ञ ने बताया मानसून में होने वाली इन त्वचा संबंधी समस्याओं में अंतर के बारे में!

Mon, Sep 08 , 2025, 09:50 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Fungal infection vs sweat rash: मानसून का मौसम, भीषण गर्मी से राहत तो देता है, लेकिन साथ ही त्वचा से जुड़ी कई चुनौतियाँ भी लाता है जो काफी परेशान करने वाली हो सकती हैं। इस दौरान सबसे आम त्वचा संबंधी समस्याओं में पसीने के दाने और फंगल इन्फेक्शन शामिल हैं।

दोनों ही स्थितियाँ मानसून के विशिष्ट आर्द्र और नम वातावरण में पनपती हैं। हालाँकि, दिखने में एक जैसे होने के बावजूद, इनके कारण, लक्षण और उपचार अलग-अलग हैं। प्रभावी प्रबंधन और राहत के लिए इन अंतरों को समझना ज़रूरी है।

पसीने के दाने क्या हैं?
पसीने के दाने, जिन्हें चिकित्सकीय रूप से मिलिरिया कहा जाता है, तब होते हैं जब पसीने की ग्रंथियाँ अवरुद्ध हो जाती हैं। यह रुकावट पसीने को त्वचा की सतह से बाहर निकलने से रोकती है, जिससे जलन और बेचैनी होती है।

पसीने के दाने कैसे दिखते हैं?
पसीने के दाने की पहचान करना अपेक्षाकृत आसान है। निम्नलिखित लक्षणों पर ध्यान दें:

छोटे, लाल दाने या छाले: ये आमतौर पर त्वचा की सतह पर दिखाई देते हैं।

चुभन या जलन: "प्रभावित क्षेत्रों में खुजली या दर्द हो सकता है", त्वचा एवं सौंदर्य क्लिनिक की त्वचा विशेषज्ञ डॉ. लतिका आर्या, हेल्थ शॉट्स को बताती हैं।

स्थान: पसीने के दाने आमतौर पर घर्षण-प्रवण क्षेत्रों जैसे पीठ, बगल, गर्दन और स्तनों के नीचे पाए जाते हैं।

पसीने के दाने का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
ज़्यादातर मामलों में, उचित स्व-देखभाल और स्वच्छता से पसीने के दाने कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं। मुख्य सुझावों में शामिल हैं:

त्वचा को ठंडा और सूखा रखें: गर्म पानी से नहाने और नम वातावरण से बचें।

ढीले कपड़े पहनें: सांस लेने वाले कपड़े चुनें।

फंगल संक्रमण क्या हैं?
राष्ट्रीय एलर्जी और संक्रामक रोग संस्थान के अनुसार, फंगल संक्रमण कवक, मुख्य रूप से कैंडिडा या डर्माटोफाइट्स के अत्यधिक विकास के कारण होता है। ये कवक गर्म, नम वातावरण में पनपते हैं, जिससे मानसून का मौसम इनके प्रजनन के लिए एक आदर्श स्थान बन जाता है।

फंगल संक्रमण के लक्षण
फंगल संक्रमण की पहचान करने के लिए विशिष्ट लक्षणों पर ध्यान देना आवश्यक है:

लाल, गोलाकार धब्बे: इनमें अक्सर उभरी हुई, पपड़ीदार सीमाएँ होती हैं।

बीच में त्वचा का साफ़ होना: "धब्बे का बीच का हिस्सा ज़्यादा स्वस्थ दिखाई दे सकता है", डर्मेट बताते हैं।

तेज़ खुजली: यह विशेष रूप से रात में ध्यान देने योग्य होती है।
बिना इलाज के फंगल संक्रमण कितने समय तक रह सकता है?

रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्रों के अनुसार, फंगल संक्रमण आमतौर पर लंबे समय तक रहता है और अगर इलाज न किया जाए तो फैल सकता है।
फंगल संक्रमण से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए:

एंटीफंगल दवाओं का उपयोग करें: बिना डॉक्टर के पर्चे के मिलने वाली एंटीफंगल क्रीम या पाउडर प्रभावी हो सकते हैं।

सख़्त स्वच्छता बनाए रखें: प्रभावित क्षेत्रों को नियमित रूप से धोकर सुखाएँ।

मानसून के दौरान ये त्वचा संबंधी समस्याएं क्यों बढ़ जाती हैं?
मानसून के दौरान पसीने से होने वाले चकत्ते और फंगल संक्रमण के बढ़ते प्रचलन में कई पर्यावरणीय कारक योगदान करते हैं:

बढ़ी हुई आर्द्रता: डॉ. आर्य कहते हैं, "उच्च आर्द्रता के कारण अत्यधिक पसीना आता है और त्वचा का सूखना मुश्किल हो जाता है, जिससे स्थिति और बिगड़ जाती है।"

लंबे समय तक नमी: गीले कपड़े पहनने से त्वचा में नमी जमा हो सकती है, जिससे जलन और फंगल विकास बढ़ सकता है।

घर्षण और कपड़े का चुनाव: सिंथेटिक या तंग कपड़े पहनने से घर्षण बढ़ सकता है, जिससे त्वचा में गर्मी और नमी जमा हो सकती है। यह संयोजन दोनों स्थितियों के प्रति संवेदनशीलता को काफी बढ़ा देता है।

स्वच्छता संबंधी गलत आदतें: कॉस्मेटिक और लेज़र सर्जन का कहना है, "मानसून के दौरान त्वचा की स्वच्छता की उपेक्षा करने से विशिष्ट त्वचा संबंधी समस्याएं होने का खतरा बढ़ सकता है।"

मानसून में त्वचा का स्वास्थ्य कैसे बनाए रखें?
बरसात के मौसम में त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए इन 5 आसान चरणों का पालन करें:

त्वचा को सूखा रखें: लंबे समय तक नमी को कम करने के लिए पसीना आने या बारिश में भीगने के तुरंत बाद गीले कपड़े बदल दें।

सांस लेने वाले कपड़े पहनें: ढीले-ढाले सूती या लिनन के कपड़े चुनें जो आपकी त्वचा को सांस लेने दें और नमी को कम बनाए रखें।

एंटीफंगल पाउडर का इस्तेमाल करें: एस्थेटिक और लेज़र सर्जन बताते हैं, "नमी से प्रभावित जगहों—जैसे त्वचा की सिलवटों, पैरों और अंदरूनी जांघों—पर एंटीफंगल पाउडर लगाने से फंगल संक्रमण को दूर रखने में मदद मिल सकती है।"

स्टेरॉयड-आधारित क्रीम से बचें: हालाँकि ये क्रीम अस्थायी राहत प्रदान कर सकती हैं, लेकिन समय के साथ ये फंगल संक्रमण को और बिगाड़ सकती हैं।

त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लें: अगर लक्षण बने रहें या बिगड़ जाएँ, तो खुद इलाज करने के बजाय पेशेवर सलाह लेना ज़रूरी है।

त्वचा विशेषज्ञ से कब मिलना चाहिए?
प्रभावी इलाज के लिए यह जानना ज़रूरी है कि त्वचा विशेषज्ञ से कब चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। अगर आपको निम्न समस्याएँ हों, तो किसी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से सलाह ज़रूर लें:

चकत्ते का तेज़ी से फैलना: डॉ. लतिका आर्य चेतावनी देती हैं, "अगर चकत्ते तेज़ी से फैलते हैं, तो यह किसी गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है।"

कुछ दिनों में कोई सुधार नहीं: अगर आपको घर पर कुछ दिनों तक देखभाल करने के बाद भी कोई सुधार नज़र न आए।

अत्यधिक खुजली: खासकर अगर यह असहनीय हो जाए, खासकर रात में।

संक्रमण के लक्षण: यदि दाने फटने, रिसने या दर्द करने लगें, तो पेशेवर मूल्यांकन आवश्यक है।

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