चंडीगढ़। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के बांधों में जलस्तर में कमी आने से बांधों से कम मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है जिसके कारण पंजाब (punjab) में बाढ़ (flood) के हालात सुधर रहे हैं लेकिन अभी भी राज्य के 22 जिलों के 1996 गांवों में बाढ़ का पानी (Flood water) जमा है।
बाढ़ के कारण पिछले 24 घंटों में अमृतसर और रूपनगर (Amritsar and Rupnagar) में तीन और लोगों की मौत हो गई है, जिससे मरने वालों की कुल संख्या 46 हो गई है, जबकि पठानकोट जिले (Pathankot district) में तीन लोग लापता हैं। प्रभावित गांवों की संख्या भी बढ़कर 1996 हो गई है, जिससे कुल 3.87 लाख की आबादी प्रभावित हुई है।
पंजाब में इस वर्ष रावी नदी में 14.11 लाख क्यूसेक पानी का असाधारण बहाव देखा गया, जो 1988 में दर्ज 11.2 लाख क्यूसेक से अधिक है। पिछले दो वर्षों के दौरान पंजाब सरकार द्वारा 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किए गए सुदृढ़ीकरण कार्यों से यह सुनिश्चित हुआ कि तटबंध दबाव को झेल सकें और ब्यास नदी के सरकारी नियंत्रण वाले बांधों में किसी भी प्रकार के टूटने की सूचना नहीं मिली। बाढ़ का एकमात्र कारण अभूतपूर्व बारिश थी, और अकेले 25 अगस्त को चंबा में सामान्य से 1205 प्रतिशत, कांगड़ा में 275 प्रतिशत और पठानकोट में 820 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई।
भारतीय सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ और बीएसएफ की विशेषज्ञ टीमों द्वारा निकाले गए लोगों की संख्या भी लगभग 23,000 हो गई है। गाँवों की संख्या, जनसंख्या और फसल क्षेत्र की दृष्टि से गुरदासपुर, फाजिल्का, फिरोजपुर, अमृतसर, कपूरथला और तरनतारन जिले सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं। घरों और पशुओं को भी भारी नुकसान हुआ है। स्थानीय लोगों और गैर-सरकारी संगठनों की मदद से राहत और बचाव कार्य जारी हैं। पंजाब की दुग्ध सहकारी संस्था, मिल्कफेड ने भी डेयरी किसानों और पशुओं की मदद के लिए एक व्यापक दोहरी रणनीति अपनाई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी परिवार बिना पोषण के न रहे।
पंजाब के राजस्व, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान 48 और गाँव, 2691 आबादी और 2131 हेक्टेयर फसलें प्रभावित हुई हैं। अब तक, 22 जिलों के 1996 गाँव प्रभावित हुए हैं, जिससे कुल 3,87,013 आबादी प्रभावित हुई है।
पिछले 24 घंटों में 925 और लोगों को निकाला गया, जिससे अब तक बचाए गए लोगों की कुल संख्या 22,854 हो गई है। अब तक सबसे ज़्यादा लोगों को गुरदासपुर (5581), फाज़िल्का (4202), फिरोजपुर (3888), अमृतसर (3260), होशियारपुर (1616), पठानकोट (1139) और कपूरथला (1428 ) से निकाला गया है। राज्य में इस समय 139 राहत शिविर कार्यरत हैं, जिनमें 6121 प्रभावित लोग रह रहे हैं, जबकि बाढ़ शुरू होने के बाद से विभिन्न जिलों में कुल 219 शिविर स्थापित किए गए हैं। इनमें फाजिल्का में 14 शिविरों में 2588 लोग, बरनाला में 49 शिविरों में 527 लोग, होशियारपुर में चार शिविरों में 921 लोग, रूपनगर में पांच शिविरों में 250 लोग, मोगा में तीन शिविरों में 155 लोग और मानसा में दो शिविरों में 89 लोग रह रहे हैं।
कुल 23 एनडीआरएफ टीमें अमृतसर, फाजिल्का, गुरदासपुर, फिरोजपुर, जालंधर, होशियारपुर, पटियाला, लुधियाना, पठानकोट और रूपनगर में राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं, जबकि कपूरथला में दो एसडीआरएफ टीमें सक्रिय हैं। भारतीय सेना की 27 टुकड़ियां और सात इंजीनियर टास्क फोर्स बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय रूप से तैनात हैं। भारतीय वायु सेना और सेना के नौ हेलीकॉप्टर राहत कार्यों में लगाए गए हैं। बीएसएफ फिरोजपुर सेक्टर में सहायता प्रदान कर रही है। इसके अलावा, 158 नावें और एक सरकारी हेलीकॉप्टर भी राहत और बचाव कार्यों में लगे हुए हैं।
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Sun, Sep 07 , 2025, 03:37 PM