अच्छी सेहत और दमकती त्वचा के लिए हमेशा पर्याप्त पानी पीने (drinking water) की सलाह दी जाती है। क्योंकि कहा जाता है कि 'जल ही जीवन है'। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी व्यक्ति की जान सिर्फ़ ज़्यादा पानी पीने (drinking water) से चली गई हो? जी हाँ, अमेरिका में एक व्यक्ति की गलती बेहद जानलेवा साबित हुई। दरअसल, एशले ने सिर्फ़ 20 मिनट में 2 लीटर पानी पी लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों के मुताबिक, एशले की मौत जल विषाक्तता के कारण हुई। लेकिन असल में जल विषाक्तता क्या है?
जल विषाक्तता क्या है?
जल विषाक्तता एक ऐसी स्थिति है जिसमें अत्यधिक पानी के सेवन से शरीर में सोडियम का स्तर असामान्य रूप से कम हो जाता है, जिसे हाइपोनेट्रेमिया कहा जाता है। यह स्थिति खतरनाक हो सकती है क्योंकि यह मस्तिष्क और अन्य अंगों को प्रभावित करती है। सोडियम एक महत्वपूर्ण इलेक्ट्रोलाइट है जो शरीर के तरल पदार्थों, मांसपेशियों और तंत्रिकाओं के कार्य और मस्तिष्क की गतिविधि के संतुलन को नियंत्रित करता है। लेकिन जब पानी का सेवन ज़्यादा होता है, तो यह सोडियम को पतला कर देता है। जिससे शरीर के सामान्य कामकाज में बाधा आ सकती है। यह स्थिति तब होती है जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक बहुत ज़्यादा पानी पीता है।
जल विषाक्तता के लक्षण
जल विषाक्तता के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। ये लक्षण सोडियम के स्तर में कमी और मस्तिष्क में सूजन के कारण होते हैं।
सिरदर्द: मस्तिष्क में सूजन के कारण गंभीर सिरदर्द हो सकता है।
मतली और उल्टी: पेट खराब और उल्टी हो सकती है।
थकान और कमज़ोरी: शरीर में ऊर्जा की कमी और सुस्ती।
भ्रम और चक्कर आना: मानसिक भटकाव, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई।
मांसपेशियों में ऐंठन या कमज़ोरी: सोडियम असंतुलन के कारण मांसपेशियों में दर्द या कमज़ोरी महसूस हो सकती है।
दौरे: गंभीर मामलों में, मस्तिष्क में सूजन के कारण दौरे पड़ सकते हैं।
बेहोशी या कोमा: बहुत गंभीर मामलों में, व्यक्ति बेहोश हो सकता है।
जल विषाक्तता के दुष्प्रभाव
मस्तिष्क शोफ: मस्तिष्क में पानी जमा होने से सूजन हो सकती है, जो कभी-कभी घातक भी हो सकती है।
मस्तिष्क पर दबाव: इस स्थिति से तंत्रिका संबंधी क्षति या मृत्यु हो सकती है।
हृदय रोग: सोडियम का निम्न स्तर हृदय की लय को प्रभावित कर सकता है।
गुर्दे का दबाव: अत्यधिक पानी पीने से गुर्दे अतिरिक्त पानी को बाहर नहीं निकाल पाते, जिससे गुर्दे पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
फेफड़ों में द्रव प्रतिधारण: गंभीर मामलों में, फेफड़ों में द्रव जमा हो सकता है, जिससे साँस लेने में कठिनाई हो सकती है।
जल विषाक्तता से बचाव के उपाय
पानी का संतुलित सेवन बनाए रखें। एक सामान्य वयस्क को प्रतिदिन 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए, लेकिन यह मात्रा मौसम, शारीरिक गतिविधि और व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर निर्भर करती है।
बहुत कम समय में बहुत अधिक पानी पीने से बचें।
व्यायाम करते या पसीना बहाते समय स्पोर्ट्स ड्रिंक जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स (जैसे सोडियम, पोटेशियम) युक्त पेय पदार्थ पिएँ।
लंबे समय तक व्यायाम (जैसे मैराथन) के दौरान, थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बार-बार पानी पिएँ; एक बार में बहुत ज़्यादा पानी पीने की गलती न करें
अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है (जैसे किडनी या हृदय रोग), तो अपने डॉक्टर से सलाह लें कि आपको कितना पानी पीना चाहिए।
अगर आपको दौरे, भ्रम या सांस लेने में तकलीफ जैसे गंभीर लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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Sun, Sep 07 , 2025, 01:30 PM