Health Tips: कभी-कभी, बिना किसी खास वजह के, आपके मन में लगातार बुरे विचार आने लगते हैं। आपने भी कई बार ऐसा महसूस किया होगा। लेकिन हो सकता है कि आप इसके पीछे का कारण कभी समझ न पाए हों। या आपने इसके बारे में कभी सोचा भी न हो। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि गंदे विचारों के लिए हमारा स्वास्थ्य ज़िम्मेदार है। जी हाँ, हमारे शरीर में कुछ विटामिनों (vitamins)की कमी के कारण ऐसे विचार मन में आते हैं। ऐसे 5 विटामिन हैं जिनकी कमी से व्यक्ति के मन में बुरे विचार आते हैं। आइए जानते हैं इनके लक्षण और उपाय क्या हैं।
किस विटामिन की कमी से मन में गंदे विचार आते हैं?
कुछ शोध रिपोर्टों के अनुसार, विटामिन B12 और B समूह के अन्य विटामिन मस्तिष्क में विभिन्न रसायनों के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनकी कमी से मूड स्विंग, अवसाद और मानसिक स्पष्टता से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। खासकर विटामिन B12 की कमी के कारण मन में बेकार, नकारात्मक या परेशान करने वाले विचार आने लगते हैं।
विटामिन बी12 की कमी के लक्षण
विटामिन बी12 की कमी से थकान, सांस लेने में तकलीफ और ऊर्जा का स्तर कम हो सकता है। इसकी कमी से मांसपेशियों में दर्द बढ़ सकता है। गर्दन में दर्द की शिकायत बढ़ने का विशेष खतरा होता है।
विटामिन बी12 के लिए क्या खाएं?
विटामिन बी12 मांस, मछली, अंडे और डेयरी उत्पादों में पाया जाता है। शाकाहारी लोग अपने आहार में फोर्टिफाइड ब्रेकफास्ट सीरियल्स, फोर्टिफाइड प्लांट-बेस्ड मिल्क जैसे सोया या बादाम का दूध, और फोर्टिफाइड न्यूट्रीशनल यीस्ट शामिल कर सकते हैं। चिकन, मछली, अंडे और अन्य मांस विटामिन बी12 के अच्छे स्रोत हैं। डेयरी उत्पादों में दूध, पनीर और दही शामिल हैं। शाकाहारियों को फोर्टिफाइड अनाज, फोर्टिफाइड प्लांट-बेस्ड मिल्क जैसे सोया या बादाम के दूध से विटामिन बी12 मिल सकता है।
विटामिन डी
विटामिन डी, जिसे 'सनशाइन विटामिन' भी कहा जाता है, मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। ये न्यूरोट्रांसमीटर खुशी और मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। शरीर में इस विटामिन की कमी से अवसाद, मौसमी भावात्मक विकार, चिंता और नकारात्मक सोच हो सकती है।
विटामिन डी की कमी के लक्षण
शोध के अनुसार, विटामिन डी की कमी मस्तिष्क के हिप्पोकैम्पस और प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स जैसे हिस्सों को प्रभावित कर सकती है, जो भावनाओं और निर्णय लेने से जुड़े होते हैं। इसके लक्षणों में लगातार उदासी, निराशा, नकारात्मक सोच, थकान, सुस्ती, ऊर्जा की कमी, अनिद्रा, एकाग्रता की कमी और मनोदशा में उतार-चढ़ाव शामिल हैं।
विटामिन डी के लिए क्या करें?
शरीर में विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए, सुबह 6 से 8 बजे के बीच 15 मिनट धूप में बैठने की आदत डालें। अपने आहार में विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे मछली, अंडे की जर्दी, मशरूम और सप्लीमेंट शामिल करें।
विटामिन बी9
फोलेट या विटामिन बी9 की कमी से मेगालोब्लास्टिक एनीमिया हो सकता है, जिसके कारण शरीर असामान्य रूप से बड़ी लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करता है जो ठीक से काम नहीं करती हैं। गर्भावस्था के दौरान विटामिन बी9 की कमी से शिशु में स्पाइना बिफिडा जैसे न्यूरल ट्यूब दोष हो सकते हैं।
विटामिन बी9 की कमी के लक्षण
विटामिन बी9 की कमी के लक्षणों में थकान, कमज़ोरी, साँस लेने में तकलीफ, त्वचा का पीला पड़ना, मुँह के छाले और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई शामिल हैं।
विटामिन बी9 के लिए क्या खाएं?
हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ (पालक, मेथी, ब्रोकली), दालें, छोले, मेवे, साबुत अनाज और खट्टे फल (संतरा, नींबू) खाने से शरीर में फोलेट की कमी को रोकने में मदद मिल सकती है। खाना बनाते समय, ध्यान रखें कि फोलेट गर्म करने से नष्ट हो सकता है, इसलिए सब्ज़ियों को हल्का पकाना चाहिए।
विटामिन बी6
शरीर में विटामिन बी6 की कमी से चिड़चिड़ापन और नकारात्मक विचार आ सकते हैं। इस कमी को दूर करने के लिए अपने आहार में केला, चना, आलू और सूरजमुखी के बीज शामिल करें।
विटामिन बी1 (थायमिन)
विटामिन बी1 मस्तिष्क के कार्य के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से थकान और मानसिक भ्रम हो सकता है। इस विटामिन की कमी को दूर करने के लिए साबुत अनाज, मेवे और बीज खाएं।
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Mon, Sep 01 , 2025, 08:58 PM