Liver Kharabi ke Lakshan : अगर आपको लिवर खराब होने के ये 5 लक्षण दिख रहे हैं, तो हाई ब्लड प्रेशर को नज़रअंदाज़ न करें!

Sun, Aug 31 , 2025, 09:09 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Health Tips: हाई ब्लड प्रेशर, (High blood pressure) जिसे हाल ही में साइलेंट किलर कहा गया है, न सिर्फ़ दिल को प्रभावित करता है, बल्कि धीरे-धीरे लिवर को भी नुकसान पहुँचा सकता है। कई लोग इसके लक्षणों को थकान, तनाव या बढ़ती उम्र से जोड़कर अनदेखा कर देते हैं। फ्रंटियर्स इन मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों में लिवर फाइब्रोसिस का ख़तरा ज़्यादा होता है। ख़ासकर उन लोगों में जिन्हें फैटी लिवर रोग (MASLD) से जुड़े मेटाबॉलिक विकार होते हैं।

अगर आपको आराम करने के बाद भी थकान महसूस होती है और लगातार सुस्ती महसूस हो रही है, तो यह लिवर में तनाव का संकेत हो सकता है। हाई ब्लड प्रेशर लिवर के काम को प्रभावित करता है, जिससे ऊर्जा उत्पादन और पोषक तत्वों का मेटाबॉलिज़्म ठीक से नहीं हो पाता। यह सामान्य थकान से अलग है। कभी-कभी इसके साथ दिमागी कोहरा या ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई भी होती है।

पेट दर्द या लिवर का बढ़ना...
अगर पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द या भारीपन हो, तो यह सूजन या लिवर के बढ़ने का संकेत है। इसे अक्सर अपच या गैस समझ लिया जाता है। अल्ट्रासाउंड जैसी मेडिकल इमेजिंग से लिवर के बढ़ने का समय रहते पता लगाया जा सकता है। और गंभीर क्षति या अन्य हस्तक्षेप किए जा सकते हैं।

पीलापन और त्वचा में परिवर्तन (पीलिया)

त्वचा के कारण आँखों का पीलापन (jaundice) लिवर की गड़बड़ी का स्पष्ट संकेत है। उच्च रक्तचाप लिवर की समस्याओं को बढ़ा देता है, जिससे बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है।

त्वचा के रंग में बदलाव को नज़रअंदाज़ न करें

पैरों और पेट में सूजन (ascites)

उच्च रक्तचाप लिवर की प्रोटीन बनाने की क्षमता को कम कर सकता है। इससे शरीर में द्रव प्रतिधारण होता है। यह पैरों, टखनों या पेट में सूजन के रूप में प्रकट हो सकता है।

मूत्र और मल के रंग में परिवर्तन

गहरा पेशाब और पीला मल लिवर की कार्यप्रणाली में समस्याओं का संकेत हो सकता है। गहरे रंग का पेशाब उच्च बिलीरुबिन स्तर का संकेत हो सकता है, जबकि हल्के मल का मतलब हो सकता है कि पित्त ठीक से प्रवाहित नहीं हो रहा है।

लिवर को स्वस्थ कैसे रखें?

रक्तचाप नियंत्रित रखें

यकृत के अनुकूल आहार लें

नियमित रूप से यकृत कार्य परीक्षण करवाएँ

यदि आपको समय पर लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर से संपर्क करें

यकृत के स्वास्थ्य का ध्यान रखना ज़रूरी है, जिसमें उच्च रक्तचाप भी शामिल है। शीघ्र निदान और उचित देखभाल से सिरोसिस, यकृत विफलता और चयापचय संबंधी विकारों जैसी गंभीर समस्याओं को रोका जा सकता है।

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