Mehsana district exports: मेहसाणा जिले से 3,995 करोड़ रु के जीरा और अन्य मसाला बीज 101 देशों को निर्यात!

Sat, Aug 30 , 2025, 08:24 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

गांधीनगर: उत्तर गुजरात के मेहसाणा जिले से वित्त वर्ष 2024–25 में लगभग 3,995 करोड़ रुपये मूल्य के जीरा और अन्य मसाला बीज 101 देशों को निर्यात किए गए। सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के सक्षम नेतृत्व में गुजरात का कृषि क्षेत्र निरंतर नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है। आधुनिक कृषि तकनीकों का अपनाना, सुदृढ़ बाजार ढांचा और वैश्विक व्यापार में सक्रिय भागीदारी ने राज्य को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी एक मजबूत पहचान दिलाई है।

इसी प्रगति का उत्कृष्ट उदाहरण है उत्तर गुजरात के मेहसाणा जिले का ऊंझा, जिसने अपनी विशिष्ट पहचान के साथ देश-विदेश के मसाला बाजार में एक मजबूत स्थान बनाया है। भारत ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी उच्च गुणवत्ता वाला जीरा और अन्य मसाला बीजों की निरंतर आपूर्ति करते हुए ऊँझा ने गुजरात की नेतृत्वकारी स्थिति को और सुदृढ़ किया है। जीरा और अन्य मसाला बीजों के निर्यात में आज गुजरात का योगदान देश की कुल हिस्सेदारी का लगभग 80 प्रतिशत है, जो राज्य के कृषि क्षेत्र की असाधारण सफलता का प्रमाण है।

वित्त वर्ष 2024–25 के आँकड़े बताते हैं कि केवल मेहसाणा जिले से ही लगभग 3,995 करोड़ रुपये मूल्य के जीरा और अन्य मसाला बीज 101 देशों को निर्यात किए गए। इनमें प्रमुख बाजार चीन (25 प्रतिशत), बांग्लादेश (16 प्रतिशत), संयुक्त अरब अमीरात (10 प्रतिशत), अमेरिका (पांच प्रतिशत) और मोरक्को (चार प्रतिशत) शामिल हैं। कृषि मंत्रालय के एगमार्कनेट के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, 15 फरवरी से 10 अप्रैल 2025 के बीच उंझा एपीएमसी में 54,410 मीट्रिक टन (एमटी) जीरे की आवक दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की 46,313 एमटी की तुलना में 17.5 प्रतिशत अधिक है। 

यह वृद्धि न केवल किसानों की मेहनत का परिणाम है, बल्कि उंझा की मज़बूत आपूर्ति श्रृंखला का प्रमाण भी है, जिसने इसे मसाला अर्थव्यवस्था का धड़कता हुआ केंद्र बनाए रखा है। यह नेटवर्क हजारों किसानों और व्यापारियों को रोजगार व व्यापारिक अवसर प्रदान करता है। वर्ष 2023–24 के आधिकारिक पूर्वानुमान के मुताबिक, इस क्षेत्र में कुल 72,100.59 एमटी जीरे का उत्पादन हुआ, जिसमें बनासकांठा 41,800.73 एमटी के साथ पहले और पाटन 29,900.09 एमटी के साथ दूसरे स्थान पर रहा। 

जीरे के उत्पादन व व्यापार में उत्तर गुजरात का उंझा की सफलता “विकसित गुजरातएट2047” के लिए कृषि क्षेत्र की सशक्तता का व्यापक दृष्टि का साकार रूप है, जहां खेती, प्रसंस्करण और निर्यात एक साथ मिलकर किसानों की वैश्विक पहचान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाते हैं। उंझा न केवल स्थानीय किसानों को वैश्विक उपभोक्ताओं से जोड़ने का द्वार है, बल्कि विश्व मसाला व्यापार में भारत के बढ़ते प्रभाव का भी सशक्त प्रतीक है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि आगामी उत्तर गुजरात वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस (वीआरजीसी) में मसाला व्यापार और कृषि उत्पादों की प्रगति को और गति प्रदान करेगी।

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