Acharya Chanakya: आचार्य चाणक्य प्राचीन भारत के एक महान शिक्षक, दार्शनिक, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ थे। प्रेरणा, जीवन प्रबंधन, नेतृत्व, रिश्तों (Relationships) में पालन-पोषण जैसी समस्याओं के समाधान के लिए उनकी रणनीतियाँ आज भी लोगों के लिए बहुत उपयोगी मानी जाती हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में पालन-पोषण से जुड़े कई सुझाव भी दिए हैं। इन्हीं में से एक है कि आचार्य चाणक्य ने बताया है कि पुत्रवान पुरुषों (Men with sons) को कौन सी गलतियाँ नहीं करनी चाहिए। वरना बाद में पछताने का समय ही नहीं मिलेगा। चाणक्य नीति में, चाणक्य ने बच्चे के पिता के लिए कुछ सुझाव दिए हैं। आइए जानते हैं कि आचार्य चाणक्य के अनुसार, बच्चे के पिता को कौन सी गलतियाँ नहीं करनी चाहिए।
अति लाड़-प्यार से बचें
चाणक्य नीति के अनुसार, पिता को अपने बच्चे को बहुत ज़्यादा लाड़-प्यार नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से बच्चा ज़िद्दी और गैरज़िम्मेदार बन सकता है। अपने बच्चे को सफलता और अनुशासन का एहसास दिलाने के लिए उसे कड़ी मेहनत और अनुशासन का महत्व समझाना ज़रूरी है।
अपने बच्चे के फैसलों में दखल न दें।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जब आपका बच्चा बड़ा हो जाए, तो उसके हर फैसले में दखल देने से बचें। इसके विपरीत, अपने बच्चे को अपने फैसले खुद लेने की आज़ादी दें। अगर आप एक पिता होने के नाते अपने बच्चे के लिए सारे फैसले खुद लेंगे, तो आगे चलकर आपका बच्चा खुद कोई भी फैसला लेने से डरेगा। साथ ही, अगर उसके फैसले गलत होंगे, तो उसे वह सबक मिलेगा और अगर वह सही होगा, तो उसमें आत्मविश्वास आएगा।
अच्छे संस्कार न देना
अक्सर, माता-पिता अपने बच्चों की परवरिश करते समय उन्हें पैसे का महत्व तो सिखाते हैं, लेकिन उनमें अच्छे संस्कार नहीं डाल पाते। ऐसे बच्चे बड़े होकर लालची और स्वार्थी हो सकते हैं।
बच्चे को नासमझ या गैर-ज़िम्मेदार समझना
कुछ पिता अपने बच्चे को कमज़ोर और गैर-ज़िम्मेदार समझते हैं और उसकी बातों पर विश्वास नहीं करते। ऐसा करने से बच्चा निराश हो जाता है और खुद को कमज़ोर समझने लगता है। जिससे उसका आत्मविश्वास डगमगा सकता है।
अपने बच्चे के गुणों की लगातार प्रशंसा करें
आचार्य चाणक्य के अनुसार, अगर आपका बच्चा प्रतिभाशाली और महान है, तो आपको उसकी प्रशंसा करने और उसे जीवन में उसकी उपलब्धियों के बारे में सबको बताने की ज़रूरत नहीं है। उसके गुण और कर्तव्य उसे समाज में पहचान दिलाएँगे। सबके सामने अपने बच्चे की प्रशंसा करने से उसके दोस्तों में ईर्ष्या की भावना पैदा हो सकती है। इससे दोस्तों के साथ उसके रिश्ते पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Fri, Aug 29 , 2025, 09:29 PM