Abhishek Manu Singhvi: सिंघवी का राज्यपाल पर वार; राज्यपाल विधेयकों पर निर्णय नहीं दे सकते, केवल अदालतें ही समीक्षा कर सकती हैं!

Fri, Aug 29 , 2025, 08:01 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

नयी दिल्ली: तमिलनाडु सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ को बताया कि राज्यपाल को न्यायाधीश की तरह कार्य करने और विधेयकों की संवैधानिक वैधता की जाँच करने का कोई अधिकार नहीं है तथा यह केवल अदालतों का काम है कि वे तय करें कि कोई कानून असंवैधानिक है या किसी केंद्रीय कानून के विरुद्ध है।

मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति सूर्यकांत, विक्रम नाथ, पी.एस. नरसिम्हा और ए.एस. चंदुरकर की पांच न्यायाधीशों की पीठ अनुच्छेद 200 और 201 के तहत राज्यपाल एवं राष्ट्रपति की शक्तियों के दायरे पर एक राष्ट्रपति संदर्भ पर सुनवाई कर रही है, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या विधेयकों पर स्वीकृति के लिए न्यायिक रूप से समय-सीमा तय की जा सकती है।

डॉ. सिंघवी ने तर्क दिया कि स्वीकृति रोकना और विधेयक को वापस करना ‘अविभाज्य रूप से जुड़े हुए हैं’और राज्यपाल विधेयक को विधायिका को वापस किए बिना स्वीकृति नहीं रोक सकते। उन्होंने जोर दिया कि अगर कोई विधेयक एक बार लौटाए जाने के बाद विधानसभा द्वारा बिना किसी संशोधन के दोबारा पारित कर दिया जाता है, तो राज्यपाल उसे राष्ट्रपति के लिए आरक्षित नहीं कर सकते।

उन्होंने कहा कि अगर विधेयक पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का आरोप लगाया जाता है, तो राज्यपाल को उसे पहले उपलब्ध चरण में ही आरक्षित कर लेना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया, “राज्यपाल न्यायिक समीक्षक नहीं हैं। निर्वाचित विधायिका ने दो बार अपनी इच्छा से काम किया है। राज्यपाल कौन होते हैं यह कहने वाले कि यह प्रतिकूल है? अगर कोई गैरकानूनी है, तो यह अदालतों को तय करना है।”उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की सहमति के लिए आरक्षण के मामलों में भी, राज्यपाल केवल राज्य मंत्रिमंडल की सहायता और सलाह पर ही कार्य करते हैं।

पीठ ने शमशेर सिंह और नबाम रेबिया से संबंधित मामलों सहित पिछले उदाहरणों की व्याख्या पर भी चर्चा की। न्यायमूर्ति नरसिम्हा ने कहा कि राज्यपाल द्वारा रोके गए विधेयक का वर्णन करने के लिए पहले के एक फैसले में प्रयुक्त ‘असफल’ शब्द भ्रामक था और इसके लिए ‘व्यय’सही शब्द होगा। सुनवाई शुक्रवार को भी जारी रहेगी और अन्य वकीलों द्वारा दलीलें पेश करने की उम्मीद है।

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