लखनऊ। महाविद्यालयों के शिक्षकों को पीएचडी कराने का हक न दिए जाने के विरोध (Protest) में गुरुवार को लखनऊ विश्वविद्यालय सम्बद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (LUACTA) के नेतृत्व में शिक्षकों ने राजभवन पहुंच लर अपनी गुहार लगाई। इस मसले पर राजभवन में मुलाकात के दौरान शिक्षकों की समस्याओं के समाधान किये जाने को लेकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben) ने आश्वासन दिया। राज्यपाल ने कहा कि पूरे प्रकरण पर सरकार की तरफ से स्थिति साफ किये जाने के बाद ही इसे लागू किया जाएगा।
राजभवन जाने से पूर्व गुरुवार को शिक्षक संघ ने लखनऊ विश्वविद्यालय के सरस्वती प्रतिमा पर अपना धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में लखनऊ विश्वविद्यालय से संबंध पांच जिलों सीतापुर रायबरेली लखीमपुर लखनऊ और हरदोई के सरकारी डिग्री कॉलेज के शिक्षक इस प्रदर्शन में शामिल थे। लुआक्टा के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय, महामंत्री डॉ. अंशु केडिया का कहना है कि कुलपति प्रो. मनुका खन्ना से कहा कि विश्वविद्यलाय यूजीसी रेगुलेशन 2022 की मनमानी व्याख्या कर रहा है। जिसके चलते विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर अध्यापन कार्य करने वाले शिक्षकों को शोध निर्देशक बनाए जाने से वंचित किया जा रहा है। डॉ. मनोज पांडेय (Dr. Manoj Pandey) ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा पारित अध्यादेश यूजीसी रेगुलेशन के विपरीत है। इस रेगुलेशन के आधार पर विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व मे अध्यादेश निर्गत किया जा चुका है तो अब इस पर नया अध्यादेश बनाये जाने की क्या आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि यूजीसी रेगुलेशन कही भी स्नातक स्तर के शिक्षकों को शोध अधिकार से वंचित नही करता है।
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Thu, Aug 28 , 2025, 06:11 PM