Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी पर भूल से भी न देखें चन्द्रमा को! गणेश चतुर्थी पर करें ये शुभ कार्य, इन बातों से बनाएं दूरी

Wed, Aug 27 , 2025, 12:34 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Ganesh Chaturthi 2025: हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) एक अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है. यह पर्व हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष (Shukla Paksha of Bhadrapada month) की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है और अनंत चतुर्दशी तक बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इन 10 दिनों तक श्रद्धालु भगवान श्री गणेश (Lord Shri Ganesha) की स्थापना कर विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं. दस दिन तक चलने वाले इस पावन उत्सव का समापन 6 सितंबर 2025 को अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा के विसर्जन के साथ होगा. गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा देखना शास्त्रों में वर्जित माना गया है। मान्यता है कि इस दिन चांद देखने से व्यक्ति पर कलंक लगता है। इस कारण गणेश चतुर्थी के दिन चांद नहीं देखा जाता है।

क्यों नहीं देखना चाहिए  गणेश चतुर्थी के दिन चांद?
इस मान्यता के पीछे एक पौराणिक कथा है। कथा के अनुसार, एक बार गणेश जी अपने वाहन मूषक पर सवार होकर जा रहे थे। चंद्रमा ने उनके गजमुख और विशाल रूप को देखकर हंसी उड़ाई और उपहास किया। इससे क्रोधित होकर भगवान गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया कि जो भी व्यक्ति भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को चंद्रमा को देखेगा, उसे मिथ्या कलंक (झूठा आरोप) का सामना करना पड़ेगा। इस श्राप के कारण ही गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा देखना वर्जित माना गया है।

 गणेश चतुर्थी के पहले दिन क्या करें?
गणेश चतुर्थी का पहला दिन बेहद शुभ और विशेष होता है क्योंकि इसी दिन विघ्नहर्ता बप्पा का आगमन हमारे जीवन में होता है. सुबह सबसे पहले घर के मंदिर या पूजा स्थल की अच्छी तरह से सफाई करें. फूलों, रंगोली और दीपों से स्थान को सजाएं.

प्रतिमा स्थापना का शुभ मुहूर्त:
गणेश जी की प्रतिमा को शुभ मुहूर्त में स्थापित करें. इस वर्ष का शुभ समय है —  सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक. जितने दिन आप बप्पा को घर पर विराजमान रखेंगे (1, 3, 5, 7 या 10 दिन), उतने दिनों का संकल्प पहले ही दिन लें. संकल्प के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. गणेश जी की प्रतिमा के पास कलश रखें. उसमें गंगाजल भरें, आम के पत्ते, सुपारी, सिक्का, अक्षत, कुमकुम डालें और ऊपर से नारियल रखें. यह पूर्ण पूजन का प्रतीक होता है.

गणेश चतुर्थी के पहले दिन क्या न करें?
यह दिन शुभता और सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है. झगड़ा, क्रोध, वाद-विवाद या अशुभ शब्दों का प्रयोग न करें. भगवान गणेश को तुलसी पत्र चढ़ाना शास्त्रों में वर्जित माना गया है. इसलिए पूजन में तुलसी का उपयोग न करें. गणपति जी की स्थापना के बाद उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहिए. कोई न कोई व्यक्ति पूजा स्थल के पास होना चाहिए, ताकि उनकी सेवा में कोई कमी न हो.

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