मुरैना: भारत में जन्मी पहली मादा चीता (first female cheetah) मध्यप्रदेश के श्योपुर जिला स्थित कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) की 'मुखी (Mukhi)' अपनी मां के छोड़े जाने के बाद अब स्वयं शिकार करना सीख चुकी है और अगले महीने ढाई साल की होने के बाद अपनी जिंदगी का नया चरण शुरु करने जा रही है। सूत्रों के अनुसार मुखी अगले माह आज ही के दिन 27 सितंबर को ढाई साल की हो जाएगी। वयस्क होने पर चीता शिकार करना सीख चुका होता है और प्रजनन के लिए भी तैयार होता है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार मुखी भारत में जन्मी पहली मादा चीता है। उसका जन्म 27 मार्च 2023 को अफ्रीका से लाई गई मादा चीता ज्वाला के गर्भ से हुआ था। जन्म के बाद से ही मुखी का जीवन संघर्षों से भरा रहा। जन्म के समय ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया था। मई 2023 की भीषण गर्मी में उसके तीन शावकों की मौत हो गई। मुखी ही अकेली बची। तबियत बिगड़ने पर उसे जंगल से निकालकर निगरानी में रखा गया।
इसके बाद आठ महीने वो इंसानों की देखरेख में रही। जब उसे मां के पास छोड़ा गया, तो ज्वाला ने उसे अपनाने से इनकार कर दिया। मां से अलग रहने और प्राकृतिक प्रशिक्षण से वंचित रहने के बावजूद मुखी ने खुद ही शिकार करना सीखा। उसने दूर से मां और दूसरे चीतों को देखकर झपटना, पीछा करना और हमला करना सीखा। नेशनल पार्क सूत्रों के अनुसार, अब वह काफी हद तक शिकार करने में सक्षम है। हालांकि, वह उतनी परिपक्व शिकारी नहीं है, जितनी मां की देखरेख में पले चीतों में होती है।
उसे अलग-अलग तकनीकों से प्रशिक्षित किया गया है, ताकि वह जंगल में शिकार कर खुद का पेट भर सके। अब मुखी की जिंदगी का नया चरण शुरू होने जा रहा है। प्रजनन की उम्र में पहुंचने के बाद अब उसे नर चीतों से संपर्क में लाया जाएगा। यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होगी। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि जल्दबाज़ी नहीं की जाएगी, ताकि मुखी को तनाव न हो और उसका स्वाभाविक व्यवहार बना रहे। उसे भारत में चीता संरक्षण की उम्मीद के तौर पर देखा जा रहा है।
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Tue, Aug 26 , 2025, 12:09 PM