आजकल की व्यस्त जीवनशैली के कारण स्वास्थ्य की उपेक्षा होती है। साथ ही, लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहने से मोटापा और कमर दर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं। गर्दन और पीठ दर्द (Neck and back pain) आजकल की सबसे आम समस्या बन गई है। लैपटॉप या मोबाइल पर लंबे समय तक काम करते समय या सोते समय गर्दन को झुकाए रखने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव बढ़ता है। गलत पोजीशन में बैठने से कमर दर्द होता है या रीढ़ की हड्डी में दर्द बढ़ जाता है। जो काफी परेशान करने वाला भी होता है। इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए लोग दर्द निवारक दवाएं लेते हैं ताकि उन्हें तुरंत आराम मिले। लेकिन क्या दर्द निवारक दवाएं इस दर्द का सही इलाज हैं या किसी फिजियोथेरेपिस्ट के पास जाना बेहतर है? आइए विशेषज्ञों से इस सवाल का जवाब जानें।
दर्द निवारक दवाएं लेने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये जल्दी असर दिखाती हैं। अगर दर्द अचानक बढ़ जाए, ऑफिस में बैठना मुश्किल हो जाए या रात को नींद न आए, तो गोली लेने से आराम मिलता है। लेकिन यह आराम कुछ घंटों तक ही रहता है। असली समस्या वही रहती है। बार-बार दर्द निवारक दवाएँ लेने से पेट और किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है। कई बार रक्तचाप और हृदय पर भी दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि फिजियोथेरेपी में डॉक्टर दर्द की जड़ को समझकर उसका इलाज करते हैं। मांसपेशियों को मज़बूत बनाने, तनाव कम करने और रक्त संचार बेहतर करने के लिए व्यायाम और मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है। शुरुआत में आपको तुरंत आराम नहीं मिलेगा, लेकिन धीरे-धीरे दर्द कम होने लगता है। सबसे ज़रूरी बात यह है कि इसका असर लंबे समय तक रहता है और दर्द बार-बार वापस नहीं आता।
गर्दन और पीठ दर्द के लिए सही विकल्प क्या है?
कई लोग सोचते हैं कि अगर दर्द निवारक दवाएँ काम करती हैं, तो फिजियोथेरेपी क्यों करवानी चाहिए। लेकिन हकीकत यह है कि दर्द निवारक दवाएँ केवल एक अस्थायी समाधान हैं। अगर दर्द मांसपेशियों में तनाव या लगातार गलत मुद्रा में बैठने के कारण हो रहा है, तो समस्या रीढ़ की हड्डी में है, जिसे सिर्फ़ दर्द निवारक दवाएँ लेने से ठीक नहीं किया जा सकता। मांसपेशियों को मज़बूत बनाने के लिए, फिजियोथेरेपी धीरे-धीरे समस्या की जड़ पर काम करती है और उसे ठीक करती है।
फिजियोथेरेपी कब करवाएँ
अगर दर्द अचानक बढ़ गया है या आप तुरंत राहत चाहते हैं, तो डॉक्टर दर्द निवारक दवाएँ लिख सकते हैं, लेकिन अगर दर्द बार-बार हो रहा है या हफ़्तों तक बना रहता है और आपको चलने-फिरने या सोने में भी दिक्कत हो रही है, तो सिर्फ़ दर्द निवारक दवाओं पर निर्भर रहने के बजाय फिजियोथेरेपी करवाएँ।
संतुलन ही समाधान है
दर्द निवारक दवाएँ तुरंत राहत देती हैं, लेकिन लंबे समय में, फिजियोथेरेपी ही असली इलाज है। इसलिए, बिना डॉक्टर की सलाह के दर्द निवारक दवाएँ न लें और अगर गर्दन या पीठ का दर्द आपको बार-बार परेशान करता है, तो किसी फिजियोथेरेपिस्ट से ज़रूर मिलें।
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Sun, Aug 24 , 2025, 02:18 PM