नयी दिल्ली। आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की पंजाब सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax) दरों में कटौती पर सहमति जताते हुए केंद्र सरकार से पंजाब का बकाया 50 हजार करोड़ रुपये तत्काल जारी करने की मांग की है। जीएसटी जीओएम की बैठक (GST GoM meeting) के बाद गुरुवार को दिल्ली स्थित आप मुख्यालय पर प्रेसवार्ता कर पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जीएसटी आने के बाद पंजाब को एक लाख 11 हजार 45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें केंद्र सरकार महज 60 हजार करोड़ रुपये ही दिया है, जबकि 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा अभी भी केंद्र के पास है। साथ ही, आरडीएफ का आठ हजार करोड़ रुपये भी रोक रखा है। अगर पंजाब, ‘वन नेशन-वन टैक्स’ स्कीम में शामिल नहीं होता तो उसे राजस्व का इतना बड़ा नुकसान नहीं होता। अब कंपेनसेशन सेस को भी बंद कर दिया गया है।
श्री चीमा ने कहा कि 2017 में लागू किया जाने के बाद पिछले आठ साल में जीएसटी में 27 बार संशोधन किया गया और विभिन्न वस्तुओं पर अलग-अलग सेक्टरों को छूट दी गयी। 15 बार विभिन्न वस्तुओं की जीएसटी दर में कम-ज्यादा की गयी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जीएसटी के दो स्लैब बनाने का एलान किया है। एक स्लैब पांच फीसद की होगी और दूसरी 12 फीसद की होगी और सभी की दिवाली मनेगी, लेकिन जीएसटी आने के बाद पंजाब और अन्य राज्यों का जो नुकसान हुआ है, उसका कौन मुआवजा देगा। ‘वन नेशन, वन टैक्स’ केंद्र सरकार की स्कीम थी और पंजाब समेत देश के सभी राज्यों अपनी सहमति दी। सभी ने माना कि पूरे देश में एक समान टैक्स दरें होनी चाहिए, ताकि कोई भी राज्य अपने नागरिकों पर कम या ज्यादा टैक्स न लगा पाये, लेकिन इस फार्मूले का पंजाब को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है।
श्री चीमा ने बताया कि गुरुवार को कंपेनसेशन सेस की बैठक में सरकार ने कहा कि कर्ज लेकर कंपेनसेशन सेस का जो पैसा राज्यों को दिया था, उस कर्ज का अक्टूबर तक पूरा भुगतान हो जायेगा। हानिकारक वस्तुओं (सिलगुड) पर स्पेशल टैक्स लगा था। उसके कलेक्शन में जिन राज्यों को नुकसान होता था, उनको उसकी भरपाई की जाती थी, लेकिन अब जो रेट रेशनलाइजेशन कमेटी की रिपोर्ट आ रही है, उससे पता चलता है कि अब सिलगुड के उपर भी टैक्स स्लैब कम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कहा था कि जो भी राज्य नुकसान में जाएगा, उस नुकसान की भरपाई की जाएगी, लेकिन अब कंपेनसेशन सेस के तहत राज्यों को मिलने वाला पैसा भी बंद कर दिया गया। इसका मतलब है कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों की अर्थव्यवस्था को तोड़ना चाहती है।
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Thu, Aug 21 , 2025, 09:07 PM