Ladki Behan Yojana: विधानसभा चुनाव (assembly elections) से पहले महायुति सरकार की मुख्यमंत्री लाडकी बहन योजना (Chief Minister Ladki Behan Yojana) लगातार चर्चा में है। शुरुआत में अपनी व्यापक स्वीकृति और खाते में लाभ जमा होने के कारण चर्चा में रही लाडकी बहन योजना, सत्यापन के चक्कर में और बाद में अपात्र बहनों की सूची (list of ineligible sisters) में फंस गई। विपक्ष का आरोप है कि चुनाव से पहले महिलाओं को व्यापक लाभ देने वाली सरकार अब महिलाओं को लाभ से वंचित कर रही है। लाडकी बहन योजना को लेकर जहाँ पूरे राज्य में हंगामा मचा हुआ है, वहीं अब यह बात सामने आई है कि राज्य भर की 1183 महिला जिला परिषद (ZP) कर्मचारियों ने इस योजना का लाभ उठाया है। यह संख्या बुलढाणा में सबसे अधिक है और जानकारी सामने आई है कि सोलापुर, धाराशिव, बीड और लातूर जिलों में महिला कर्मचारियों ने सबसे अधिक लाभ उठाया है।
एक घर की दो से ज़्यादा महिलाएं लाडकी बहिन योजना का लाभ नहीं उठा सकतीं। हालाँकि, सरकार ने उन लाडकी बहिन योजनाओं की सूची तैयार की है जिनका लाभ दो से ज़्यादा महिलाओं ने लिया है। इसके अनुसार, महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने 26 लाख महिलाओं की सूची तैयार की है और इन महिलाओं की जाँच शुरू कर दी है। अब पता चला है कि इसमें एक हज़ार से ज़्यादा ज़िला परिषद कर्मचारी महिलाएं भी शामिल हैं। राज्य में इस समय 2 करोड़ 29 लाख महिलाएं लाडकी बहिन योजना का लाभ उठा रही हैं। हालाँकि, एक ही परिवार की सिर्फ़ 2 महिलाओं की जाँच के मानदंड पूरे होने के बाद, लाखों और महिलाओं को लाडकी बहिन योजना से बाहर कर दिया जाएगा। इस बीच, ज़िला परिषद की महिला कर्मचारियों को भी अब इस योजना से बाहर कर दिया जाएगा। 36 लाभार्थी ऐसे हैं जिनके ज़िले की जानकारी नहीं है।
महिला कर्मचारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की आशंका
पता चला है कि राज्य में सरकारी सेवा में कार्यरत 1183 महिला कर्मचारियों ने लाडकी बहिन योजना का लाभ उठाया है। इनमें बीड ज़िला परिषद के अंतर्गत आने वाली 145 महिला सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं। और अब इन महिला कर्मचारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। राज्य की ज़रूरतमंद और गरीब महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए, राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना लागू की। इससे राज्य की लाखों महिलाओं को काफ़ी फ़ायदा हुआ है। महिलाएं आर्थिक मानदंडों और शर्तों पर इस योजना का लाभ उठा सकती हैं। लेकिन यह देखा गया है कि सरकारी महिला कर्मचारियों ने भी प्रशासन को गुमराह करके इस योजना का फ़ायदा उठाया है। इस संबंध में बीड ज़िला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को एक पत्र मिला है और तदनुसार, ज़िला परिषद कर्मचारियों ने सूचित किया है कि संबंधित महिला कर्मचारी को नोटिस जारी करके कार्रवाई की जाएगी।
धाराशिव ज़िले में 108 ज़िला परिषद कर्मचारी
धाराशिव ज़िले में ज़िला परिषद कर्मचारी के रूप में कार्यरत 108 महिलाओं ने लाडकी बहिन योजना का लाभ उठाया है। इस सूची में सबसे ऊपर अनीता माली हैं, जो अपने पति की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर धाराशिव ज़िला परिषद में शामिल हुई हैं। शिक्षा विभाग में चपरासी अनीता माली ने स्वीकार किया कि उन्होंने इस योजना के लिए आवेदन किया था। लाडकी बहिन योजना के लिए आवेदन किया था। उस समय नियम और शर्तें नहीं पता थीं। मैंने यह भी नहीं देखा कि बैंक में कितनी किश्तें जमा हुईं। मुझे पैसे वापस करने की प्रक्रिया नहीं पता। मैं योजना में जमा पैसे वापस करने को तैयार हूँ और अगर मुझे इसकी जानकारी मिलती है, तो मैं पैसे वापस कर दूँगी।
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Thu, Aug 21 , 2025, 03:57 PM