चिन्नास्वामी में क्रिकेट की वापसी कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं प्रसाद

Thu, Aug 21 , 2025, 02:10 PM

Source : Uni India

बेंगलुरु: पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद (Former India pacer Venkatesh Prasad) ने एम चिन्नास्वामी स्टेडियम (M Chinnaswamy Stadium) की छवि को बहाल करने की कसम खाई है, साथ ही आगामी चुनावों में चुने जाने पर कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) में बेहतर प्रशासन और पारदर्शिता के लिए भी प्रतिबद्धता जताई है। 2013-2016 तक केएससीए के उपाध्यक्ष रहे प्रसाद ने बुधवार को बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में बोर्ड चुनाव लड़ने की घोषणा की। उनके साथ पूर्व भारतीय महिला कप्तान शांता रंगास्वामी (India women's captain Shantha Rangaswamy) और केएससीए के पूर्व पदाधिकारी और बीसीसीआई की वित्त समिति के सदस्य विनय मृत्युंजय भी चुनाव लड़ रहे हैं। प्रसाद ने कहा, ''हम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट international cricket() को वापस लाना चाहते हैं। चिन्नास्वामी स्टेडियम एक ऐसा प्रतिष्ठित स्टेडियम है जो पिछले 50 सालों से कई ऐतिहासिक लम्हों का गवाह बना है। मैचों की मेजबानी की अनुमति लेने जैसी चीज पहले कभी नहीं हुई। यहां तक कि हमारे अपने महाराजा कप की भी मेजबानी छीन ली गई जो अच्छी बात नहीं है।''

प्रसाद की क्रिकेट प्रशासन में संभावित वापसी ऐसे समय में हुई है जब केएससीए खुद को मुश्किल स्थिति में पा रहा है। एसोसिएशन जून से बिना किसी सचिव और कोषाध्यक्ष के काम कर रहा है, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की जीत के जश्न के दौरान एम चिन्नास्वामी स्टेडियम परिसर में मची भगदड़ के बाद नैतिक जिम्मेदारी का हवाला देते हुए उन सभी ने इस्तीफा दे दिया था। इस भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई थी। बाद के आयोजनों के लिए पुलिस की अनुमति बार-बार अस्वीकार कर दी गई, जिससे केएससीए को महाराजा टी20 ट्रॉफी को मैसूरु स्थानांतरित करना पड़ा। फिलहाल जो स्थिति है उससे यह संभावना बढ़ती जा रही है कि आगामी महिला विश्व कप के दौरान मैचों की मेजबानी के लिए बेंगलुरु को अनुमति नहीं मिलेगी।

केएससीए को स्थानीय नियामक निकायों के साथ भी समस्याओं का सामना करना पड़ा है, जिसमें विद्युत आपूर्ति विभाग भी शामिल है, जिसने अग्नि सुरक्षा नियमों का पालन न करने के कारण आयोजन स्थल की बिजली काट दी है। बेंगलुरु को महिला विश्व कप के पहले मैच, दूसरे सेमीफाइनल और यहां तक ​​कि अगर पाकिस्तान फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं करता है तो फ़ाइनल मुकाबले की भी मेजबानी करनी थी। केएससीए द्वारा बीसीसीआई से सभी स्वीकृतियां हासिल करने के लिए निर्धारित कई समय सीमाओं को पूरा न कर पाने के कारण इन सभी मैचों की मेजबानी अधर में लटकी है।

मृत्युंजय ने बताया, ''जब भी बीसीसीआई मैच आवंटित करता है, तो उसकी एक शर्त यह होती है कि हमें राज्य सरकार से अनुमति लेने के लिए एक समय सीमा दी जाती है। अगर हमें अनुमति नहीं मिलती है, तो फिर मैचों की मेजबानी मुश्किल है। वर्तमान स्थिति में जैसा कि आप जानते हैं कि अनुमति नहीं दी गई है। हम सरकारी एजेंसियों से आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के लिए अपना प्रयास करेंगे।'' प्रसाद और उनकी टीम की तत्काल प्राथमिकता (अगर वे चुने जाते हैं) ये होगी कि उन सुरक्षा चिंताओं को दूर किया जाए जिनके कारण भगदड़ मची थी। राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एक सदस्यीय समिति ने स्टेडियम के डिजाइन में गंभीर खामियां पाईं थीं और इसे ज्यादा भीड़ वाले बड़े मैचों की मेजबानी के लिए 'अनुपयुक्त और असुरक्षित' माना गया है।

प्रसाद ने चिन्नास्वामी स्टेडियम की दर्शक क्षमता बढ़ाने की केएससीए की महत्वाकांक्षी योजना का भी जिक्र किया, जिसमें सभी इंजीनियरिंग चुनौतियों को ध्यान में रखा गया है। उन्होंने कहा, ''हमें इस पर काम करने की जरूरत है। क्योंकि जैसा कि मैंने पहले कहा, यह 1974 में बना था। मैं मानता हूं कि हम इसे 80,000 या उससे ज्यादा क्षमता वाला तो नहीं कर सकते लेकिन शायद 15,000 और बढ़ाते हुए 50,000 तक तो किया ही जा सकता है। अभी इसकी क्षमता 34,000-35,000 तक ही है।'' प्रसाद ने भारत और कर्नाटक क्रिकेट की विरासत को प्रदर्शित करने के लिए इंटरैक्टिव प्रदर्शनियों के साथ लॉर्ड्स से प्रेरित क्रिकेट संग्रहालय विकसित करने की योजना भी साझा की।

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