नयी दिल्ली। इस साल खरीफ के मौसम (Kharif season) में 15 अगस्त तक देश में धान और मोटे अनाजों का रकबा एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले बढ़ा है जबकि तिलहन और कपास के रकबे में गिरावट दर्ज की गयी है। कृषि एवं किसान (Agriculture and Farmers) कल्याण विभाग द्वारा सोमवार को जारी आँकड़ों के अनुसार, फसल वर्ष 2025-26 में खरीफ फसलों (Kharif Crops) का रकबा 1,039.81 लाख हेक्टेयर रहा जो 2024-25 की तुलना में 37.39 लाख हेक्टेयर अधिक है। इसमें धान का रकबा 35.67 लाख हेक्टेयर बढ़कर 398.59 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
मक्के का रकबा 9.82 लाख हेक्टेयर बढ़ने से मोटे अनाजों का कुल रकबा 9.12 लाख हेक्टेयर बढ़कर 182.34 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। मक्के का कुल रकबा 92.79 लाख हेक्टेयर रहा। दूसरे मोटे अनाजों में बाजरे का रकबा 0.21 लाख हेक्टेयर घटकर 65.67 लाख हेक्टेयर रह गया। दलहनों के रकबे में 1.14 लाख हेक्टेयर को बढ़ोतरी हुई है। अरहर का बुवाई क्षेत्र घट गया है जबकि अन्य दलहनों का बुवाई क्षेत्र बढ़ा है। अरहर का रकबा 1.34 लाख हेक्टेयर घटकर 42.20 लाख हेक्टेयर रहा। वहीं, मूंग का रकबा 0.94 लाख हेक्टेयर बढ़कर 33.70 लाख हेक्टेयर पर और उड़द का 0.92 लाख हेक्टेयर की वृद्धि के साथ 20.82 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
तिलहनों में अरंडी को छोड़कर अन्य सभी के बुवाई क्षेत्र में गिरावट रही। मूंगफली का रकबा 2.09 लाख हेक्टेयर घटकर 43.98 लाख हेक्टेयर रह गया। सोयाबीन में 4.77 लाख हेक्टेयर की गिरावट आयी और यह 119.82 लाख हेक्टेयर रहा। तिल का रकबा भी 0.89 लाख हेक्टेयर घटकर 9.22 लाख हेक्टेयर रहा। तिलहनों का कुल रकबा 6.74 लाख हेक्टेयर घटकर 178.64 लाख हेक्टेयर रह गया। यह एक साल पहले समान अवधि में 185.38 लाख हेक्टेयर रहा था। कपास का रकबा 15 अगस्त तक 107.87 लाख हेक्टेयर रहा जो पिछले साल के मुकाबले 3.24 लाख हेक्टेयर कम है।
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Mon, Aug 18 , 2025, 08:51 PM