Taxes on Petrol and Diesel: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से भाषण देते हुए जीएसटी में बदलावों (changes in GST) पर टिप्पणी की थी। दिवाली या उसके बाद जीएसटी में बड़े सुधार देखने को मिलेंगे। नरेंद्र मोदी ने कहा कि आने वाले दिनों में जीएसटी में बड़े बदलाव किए जाएँगे। अगर जीएसटी में 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के दो स्लैब रखे जाते हैं, तो कई वस्तुओं की कीमतें कम हो सकती हैं।
जीएसटी में बदलावों को लेकर जहाँ चर्चा चल रही है, वहीं इस बात पर भी चर्चा चल रही है कि क्या पेट्रोल और डीजल (petrol and diesel) जीएसटी के दायरे में आएंगे। हालाँकि, राज्य सरकार और केंद्र सरकार को पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स (taxes on petrol and diesel) से अच्छी खासी आय होती है, इसलिए पेट्रोल और डीजल को तुरंत जीएसटी के दायरे में लाना मुश्किल है। एक रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि पेट्रोलियम उत्पादों (petroleum products) को जीएसटी के दायरे में लाने में अभी समय लगेगा। यानी, अगर जीएसटी 2.0 लागू भी हो जाता है, तो भी पेट्रोल और डीजल पर टैक्स कम नहीं होंगे। पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों (prices of petrol and diesel) में कोई कमी नहीं होगी।
क्या तंबाकू और शराब पर GST बढ़ेगा?
वित्त मंत्रालय ने विशेष दरों वाले दो GST स्लैब का प्रस्ताव मंत्रिसमूह को भेजा है। रिपोर्ट के अनुसार, सिगरेट, तंबाकू और शराब पर 40 प्रतिशत GST लगाया जा सकता है। अगर यह फैसला होता है, तो शराब, सिगरेट और तंबाकू के लिए ज़्यादा पैसे चुकाने पड़ सकते हैं। पेट्रोल-डीज़ल पर टैक्स से सरकार को ज़बरदस्त राजस्व सरकार पेट्रोलियम उत्पादों पर बड़ी मात्रा में टैक्स लगाकर राजस्व अर्जित करती है। पेट्रोलियम उत्पादों के अलावा, सरकार शराब और तंबाकू पर भी टैक्स लगाकर कमाई करती है।
केंद्र सरकार GST पर अंतिम फैसला लेने से पहले विचार-विमर्श करेगी। GST परिषद की बैठक सितंबर में होगी। अब देखना होगा कि GST मंत्रिपरिषद की बैठक में किस प्रस्ताव पर सहमति बनती है। GST में अभी चार स्लैब या चरण हैं। इनकी जगह 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के दो स्लैब प्रस्तावित किए गए हैं। केंद्र सरकार इस पर तीन साल से काम कर रही है। दोनों स्लैब लागू होने के बाद दैनिक जीवन में ज़रूरी चीज़ों की कीमतें नियंत्रण में आ जाएँगी।
लोग अपने खर्च कम करके पैसे बचा सकते हैं। दोनों स्लैब पर फैसला लेने के लिए मंत्रियों का एक समूह पहले ही गठित किया जा चुका है। जीएसटी स्लैब में बदलाव से आम आदमी को फायदा होने और अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। सरकार के अनुसार, जीएसटी स्लैब में बदलाव गरीबों, मध्यम वर्ग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को ध्यान में रखकर किए जाएँगे। इससे दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की कीमतें कम होंगी।
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Mon, Aug 18 , 2025, 02:15 PM