Janmashtami fast 2025 : क्या आप जानते हैं जन्माष्टमी व्रत के नियम? जानें शास्त्रोक्त विधियाँ...

Wed, Aug 13 , 2025, 10:27 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Janmashtami 2025 Vrat Niyam: हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष (Krishna Paksha) की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस दिन को भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव (birth anniversary of Lord Krishna) के रूप में मनाया जाता है। लोग इस खास दिन की तैयारी लंबे समय से करते हैं, मंदिरों (temples) को सजाते हैं और व्रत रखते हैं। 2025 में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत 16 अगस्त, शनिवार को रखा जाएगा। भगवान कृष्ण (Lord Krishna) का जन्म द्वापर युग में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। 2025 में भगवान कृष्ण का 5252वाँ जन्मोत्सव मनाया जाएगा। जन्माष्टमी के दिन विधिवत पूजा करने से ही शुभ फल प्राप्त होते हैं, साथ ही जन्माष्टमी के दिन व्रत के नियमों का पालन भी करना चाहिए।

भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले जन्माष्टमी के त्योहार का बहुत महत्व है। यह दिन भक्तों के लिए बेहद खास होता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण ने धरती पर अवतार लिया था। इसलिए जन्माष्टमी का दिन भक्ति, प्रेम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। उन्हें विष्णु का आठवाँ अवतार माना जाता है। माना जाता है कि कृष्ण ने दुष्टों का नाश किया और धर्म की रक्षा की। कृष्ण अपने उपदेशों के माध्यम से लोगों को नैतिक और धार्मिक जीवन जीने का संदेश देते हैं। जन्माष्टमी का त्योहार भक्ति, प्रेम और समर्पण का प्रतीक है।

जन्माष्टमी व्रत विधि.. इस दिन सुबह उठकर, बैठकर श्री कृष्ण के नाम पर व्रत का संकल्प लें। इस दिन आप फलाहार कर सकते हैं। श्री कृष्ण के जन्म के बाद निशिता काल यानी रात 12 बजे विधिवत पूजा करें। जन्म के बाद श्री कृष्ण को स्नान कराएँ और उन्हें नए वस्त्र पहनाएँ। मक्खन, मिश्री, फल और तुलसी का भोग लगाएँ। इसके बाद व्रत का पारण करें।

जन्माष्टमी व्रत के नियम... व्रत के दिन अन्न ग्रहण न करें। इस दिन निर्जला व्रत रखें और चाहें तो फलाहार भी कर सकते हैं। अगर आप इस दिन व्रत नहीं भी कर रहे हैं तो सात्विक भोजन करें। घर में प्याज-लहसुन न पकाएँ। इस दिन मांस-मदिरा का सेवन न करें। किसी से लड़ाई-झगड़ा न करें और मन को पवित्र रखें। इस दिन घर के मंदिर की पूरी तरह से सफाई करके उसे सजाएँ। इस दिन भगवान को नए और पीले वस्त्र पहनाएँ। इस दिन व्रत करने वालों को अन्न, अनाज और नमक नहीं खाना चाहिए। इस दिन दान का विशेष महत्व है।

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