Self-Eating Habit: बच्चों को अपने हाथों से खाना सिखाना हर माता-पिता के लिए एक ज़रूरी प्रक्रिया है। यह आदत बच्चों को आत्मनिर्भर बनाती है और उनके विकास के लिए भी काफ़ी फ़ायदेमंद है। लेकिन यह 'प्रशिक्षण' कब शुरू करें, यह सवाल कई माता-पिता के मन में होता है। आइए विस्तार से जानें कि बच्चों को किस उम्र से खुद खाना सिखाना चाहिए और इसके लिए सही तरीका क्या है।
बच्चों को खुद खाना सिखाने की सही उम्र
1 से 1.5 साल: बच्चों को खुद खाना सिखाने की सबसे अच्छी उम्र 1 से 1.5 साल है। इस उम्र तक उनकी पकड़ मज़बूत हो जाती है और वे अपने हाथों और उंगलियों का सही इस्तेमाल करना सीख जाते हैं।
6 महीने से 1 साल: इस उम्र से पहले ही, आप बच्चों को अपने साथ बैठकर खाना खिलाकर खाने का अनुभव दे सकते हैं। इससे वे खाने की प्रक्रिया के प्रति आकर्षित होते हैं।
बच्चों को खुद खाना सिखाने के आसान और असरदार तरीके
साधारण खाद्य पदार्थों से शुरुआत करें: शुरुआत में बच्चों को ऐसे खाद्य पदार्थ दें जिन्हें वे आसानी से पकड़ सकें और खा सकें। उदाहरण के लिए, फलों के छोटे टुकड़े (केला, सेब), उबली हुई सब्ज़ियाँ (गाजर, आलू) या छोटे सैंडविच। इससे उन्हें जल्दी खाने की आदत हो जाएगी।
सही बर्तनों का इस्तेमाल करें: बच्चों के लिए खास तौर पर डिज़ाइन किए गए बर्तनों का इस्तेमाल करें। छोटे और हल्के चम्मच और कटोरी चुनें, ताकि वे उन्हें आसानी से पकड़ सकें। रंग-बिरंगे बर्तनों का इस्तेमाल बच्चों के लिए खाने को मज़ेदार बनाता है और उनकी रुचि भी बढ़ाता है।
खेल-खेल में सिखाएँ: खाने को एक खेल बनाएँ। खाने को प्लेट में मज़ेदार आकृतियों में सजाएँ या उन्हें अलग-अलग रंगों की चीज़ें दें। इससे खाना उनके लिए एक उबाऊ अनुभव की बजाय एक मज़ेदार गतिविधि बन जाएगा।
खाने का समय तय करें: अपने बच्चों को नियमित समय पर खाना खिलाने के लिए बिठाएँ। इससे उनके शरीर और दिमाग को खाने की आदत डालने में मदद मिलेगी।
गंदगी के लिए तैयार रहें: शुरुआत में, बच्चे खाते समय खाना गिराएँगे, लेकिन इसके लिए उन पर गुस्सा न करें। यह उनके सीखने का हिस्सा है। खाने के बाद अपने हाथ, मुँह और आसपास के हिस्से को साफ करने के लिए हमेशा पास में एक कपड़ा रखें।
ज़्यादा न खिलाएँ: एक बार में बहुत ज़्यादा न खिलाएँ। उन्हें थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खिलाने से उन्हें खाना खत्म करने और संतुष्ट महसूस करने में मदद मिलेगी।
इसके क्या फ़ायदे हैं?
बच्चे आत्मनिर्भर बनते हैं।
जब वे ख़ुद खाते हैं, तो उनकी भूख बेहतर तरीके से शांत होती है।
इससे उनकी उंगलियों और हाथों की मांसपेशियाँ मज़बूत होती हैं।
अच्छी खान-पान की आदतें ज़रूरी हैं।
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Tue, Aug 12 , 2025, 09:45 AM