Raksha Bandhan 2025: कल रक्षा बंधन है, राखी बाँधने का सही समय क्या है?

Fri, Aug 08 , 2025, 07:15 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Raksha Bandhan festivals : रक्षा बंधन भारत के प्रमुख त्योहारों (festivals) में से एक है। भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक यह त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हर साल यह त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार केवल रक्षा सूत्र बाँधने का त्योहार नहीं, बल्कि रिश्ते को और मज़बूत करने का एक पवित्र क्षण है। इस वर्ष पूर्णिमा और रक्षा बंधन (Purnima and Raksha Bandhan) की तिथियों और समय को लेकर कई भ्रांतियाँ हैं। इस वर्ष रक्षा बंधन 9 अगस्त 2025 को मनाया जा रहा है। इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं। इसके अलावा, इस दिन भद्रा या पंचक का साया नहीं है। इसलिए, बहनें सुबह से दोपहर तक आराम से अपने भाई की कलाई पर राखी बाँध सकती हैं। ज्योतिष विशेषज्ञ (astrology expert) के अनुसार, राखी बाँधने का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा और मंत्रों पर एक नज़र डालते हैं।

राखी बाँधने का शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan 2025 Shubh Muhurat) - ऑनलाइन हिंदू पंचांग, द्रिक के अनुसार, रक्षा बंधन पर राखी बाँधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5.47 बजे से शुरू होकर दोपहर 1.24 बजे तक रहेगा।

रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त (रक्षा बंधन 2025 शुभ योग)
सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 5.47 बजे से दोपहर 2.23 बजे तक

सौभाग्य योग - सुबह 10 अगस्त को सुबह 2.15 बजे तक

शोभन योग - 10 अगस्त को सुबह 2.15 बजे तक

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 4.22 बजे से सुबह 5.04 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12.17 बजे से दोपहर 12.53 बजे तक

रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है? (रक्षा बंधन 2025 कथा)
रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है और यह परंपरा कब से शुरू हुई? अगर हम इसे देखें, तो इसका इतिहास बहुत पुराना है। बहुत से लोग इसके बारे में जानने को उत्सुक रहते हैं।

देवराज इंद्र और इंद्राणी की कथा
देवताओं और दानवों के बीच युद्ध में जब इंद्र देव कमजोर पड़ने लगे, तो उनकी पत्नी इंद्राणी ने उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बाँधा और उनकी दीर्घायु और विजय की प्रार्थना की। इसके बाद इंद्र देव की विजय हुई।

कृष्ण और द्रौपदी की कथा
जब भगवान कृष्ण घायल हुए, तो द्रौपदी ने अपनी साड़ी फाड़कर उनके हाथ पर बाँध दी। जब दुर्योधन ने द्रौपदी का चीरहरण किया, तो कृष्ण ने उसकी रक्षा की। यह राखी के सबसे भावनात्मक उदाहरणों में से एक है।

रानी कर्णावती और हुमायूँ
रानी कर्णावती ने मुगल सम्राट हुमायूँ को राखी भेजकर सुरक्षा की याचना की। इसके बाद हुमायूँ राखी से शर्मिंदा हुए और उनकी मदद की।

वर्ष 2025 का रक्षाबंधन क्यों खास है?

ज्योतिषियों के अनुसार, इस वर्ष राखी का त्योहार खास है। क्योंकि एक ओर, इस वर्ष को मंगल का वर्ष कहा गया है। मंगल को साहस, ऊर्जा और सुरक्षा का ग्रह माना जाता है। इसका प्रभाव इस रक्षाबंधन को और भी अधिक शक्तिशाली और सकारात्मक बना रहा है। इस वर्ष रक्षाबंधन पर मंगल की विशेष दृष्टि रहेगी। जिससे भाई-बहन का रिश्ता मज़बूत, साहसी और सहयोगात्मक बनेगा। यह दिन नए संकल्पों और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होगा।

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