Detox Drink: क्या आपको अक्सर पेट फूलना, सीने में जलन या कब्ज जैसी समस्याएँ होती हैं? क्या आपको हर बार खाना खाने के बाद भारीपन महसूस होता है? अगर इन सवालों का जवाब 'हाँ' है, तो यह लेख आपके लिए है।
आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली और गलत खान-पान की आदतों के कारण पेट की समस्याएँ आम हो गई हैं। ऐसे में दादी-नानी के नुस्खों में से जीरा पानी और सौंफ पानी (जीरा पानी बनाम सौंफ पानी) दो ऐसे कमाल के नुस्खे हैं जो सदियों से इन समस्याओं से निजात दिलाने में कारगर साबित हुए हैं। आइए जानें।
जीरा पानी
भारतीय रसोई में पाया जाने वाला एक आम मसाला, जीरा पेट की समस्याओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। जीरा पानी पाचक एंजाइमों के स्राव को उत्तेजित करता है, जिससे भोजन पचाने में मदद मिलती है। यह गैस, पेट फूलने और पेट फूलने की समस्या में विशेष रूप से फायदेमंद है।
जीरे के पानी के फायदे
गैस और सूजन से राहत: जीरे में ऐसे गुण होते हैं जो पेट की गैस को कम करते हैं और सूजन से राहत दिलाते हैं। यह शरीर से पेट की गैस को बाहर निकालने में मदद करता है।
एसिडिटी और अपच में उपयोगी: जीरे का पानी एक प्राकृतिक एंटी-एसिड के रूप में कार्य करता है, जो पेट की जलन और एसिडिटी को कम करता है।
कब्ज से राहत: जीरा फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, जो मल त्याग को आसान बनाता है। यह आंतों को साफ करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है।
मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है: जीरे का पानी पीने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है, जिससे भोजन का पाचन और पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है।
कैसे बनाएँ: एक गिलास पानी में एक चम्मच जीरा उबालें। जब आधा पानी रह जाए, तो इसे छानकर गरमागरम पिएँ। आप जीरे को रात भर पानी में भिगोकर रख सकते हैं और सुबह इस पानी को पी सकते हैं।
डिल वॉटर
भोजन के बाद माउथ फ्रेशनर के रूप में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला डिल पाचन संबंधी समस्याओं में भी बहुत प्रभावी है। डिल की तासीर ठंडी होती है, इसलिए यह पेट की गर्मी और एसिडिटी को शांत करने के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।
सोआ के पानी के फायदे
एसिडिटी और सीने की जलन कम करता है: सोआ में ठंडक और आराम देने वाले गुण होते हैं जो पित्त दोष को संतुलित करते हैं। यह एसिडिटी और सीने की जलन कम करने में मददगार है।
गैस और अपच का इलाज: सोआ का पानी पीने से गैस, पेट फूलना और अपच से राहत मिलती है। इसके गुण पाचन एंजाइमों को सक्रिय करते हैं।
पेट में ऐंठन कम करता है: सोआ में ऐंठन-रोधी गुण होते हैं जो पेट की मांसपेशियों को आराम देते हैं और ऐंठन कम करते हैं।
कब्ज़ में भी फ़ायदेमंद: सोआ में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो कब्ज़ से राहत दिला सकता है।
बनाने की विधि: एक गिलास पानी में एक छोटा चम्मच सोआ 5-10 मिनट तक उबालें। इसे छानकर गरमागरम पिएँ। आप चाहें तो सोआ को रात भर पानी में भिगोकर रख सकते हैं और सुबह पानी पी सकते हैं।
क्या ज़्यादा असरदार है?
जीरा और सोआ का पानी, दोनों ही अपने-अपने तरीके से फ़ायदेमंद हैं। अगर आपको गैस और पेट फूलने की समस्या बहुत ज़्यादा है और पेट में भारीपन महसूस होता है, तो जीरे का पानी आपके लिए ज़्यादा असरदार हो सकता है। यह पाचन क्रिया को सक्रिय करता है और गैस को बाहर निकालने में मदद करता है।
अगर आपको एसिडिटी, सीने में जलन या पेट में गर्मी जैसी कई समस्याएं हैं, तो डिल वॉटर आपके लिए एक अच्छा विकल्प है। यह पेट को ठंडक पहुँचाता है और एसिडिटी को कम करता है।
कभी-कभी, जीरा, डिल और अंडों का मिश्रण इन तीनों समस्याओं (गैस, एसिडिटी, कब्ज) के लिए बहुत कारगर होता है। आप इन तीनों समस्याओं को बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना सकते हैं और गर्म पानी के साथ इसका सेवन कर सकते हैं।
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Fri, Aug 08 , 2025, 10:50 AM