Acharya Chanakya: आचार्य चाणक्य एक महान विचारक, अर्थशास्त्री और कूटनीतिज्ञ थे। उन्होंने चाणक्य नीति (Chanakya Niti) नामक एक पुस्तक लिखी। इस पुस्तक में चाणक्य ने मानव व्यवहार के बारे में कई बातें बताई हैं। साथ ही, अगर जीवन में सुखी रहना है तो क्या करना चाहिए? और क्या नहीं, इसकी भी सलाह चाणक्य ने इस पुस्तक में दी है। चाणक्य कहते हैं कि जीवन में सबसे बड़ी चीज़ धन है, इसलिए धन की बचत करना सीखना चाहिए। यही धन संकट के समय काम आएगा। साथ ही, चाणक्य ने पाँच ऐसी जगहें बताई हैं जहाँ वे कहते हैं कि आपको भूलकर भी वहाँ नहीं रुकना चाहिए, वरना आपके पास धन नहीं रहेगा। आइए जानते हैं चाणक्य ने वास्तव में क्या कहा है? इसके बारे में।
जहाँ आपको अपने काम का उचित पारिश्रमिक नहीं मिलता - चाणक्य कहते हैं कि जहाँ आपको अपने काम का उचित पारिश्रमिक नहीं मिलता, वहाँ भूलकर भी न रुकें, वहाँ काम न करें। याद रखें कि काम का उचित पारिश्रमिक आपका अधिकार है।
जहाँ कोई धनवान न हो - आचार्य चाणक्य कहते हैं, ऐसी जगह न रहें जहाँ कोई धनवान न हो, क्योंकि वहाँ के विचारों का प्रभाव अनजाने में ही आपको प्रभावित कर सकता है।
जहाँ शिक्षा न हो - चाणक्य कहते हैं कि शिक्षा प्राप्त करने पर ही आपकी बुद्धि का विकास होता है, आप नौकरी के योग्य बनते हैं। धन की प्राप्ति शिक्षा से ही होती है, इसलिए ऐसी जगह रहना उचित नहीं है जहाँ शिक्षा न हो।
यदि आपको अपनी योग्यता के अनुसार नौकरी न मिले - चाणक्य कहते हैं, यदि आपको अपनी योग्यता और प्रतिभा के अनुसार नौकरी न मिले, तो वहाँ न रहें।
जहाँ कोई डॉक्टर न हो - आचार्य चाणक्य कहते हैं, ऐसी जगह न रहें जहाँ स्वास्थ्य सुविधाएँ न हों, जहाँ डॉक्टर न हों।
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Thu, Aug 07 , 2025, 09:27 PM