Will FDs be closed: क्या FD बंद हो जाएँगे? ब्याज दरों में गिरावट का दौर, जानिए!

Thu, Aug 07 , 2025, 07:31 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

 FD : FD में ज़्यादा ब्याज कमाने का मौका अब धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। हालाँकि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने आज की मौद्रिक नीति बैठक (Monetary policy meeting) में रेपो रेट को बरकरार रखा है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में हुई ब्याज दरों में कटौती का असर अब दिखने लगा है। आने वाले समय में FD की ब्याज दरों में और गिरावट आ सकती है।

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने फरवरी से जून 2025 के बीच लगातार तीन बार रेपो रेट में कुल 100 आधार अंकों की कटौती की थी, जिससे यह 6.5 प्रतिशत से घटकर 5.5 प्रतिशत हो गई थी। बैंकों ने अभी तक FD दरों में इस कटौती का पूरा लाभ नहीं उठाया है। इसलिए अगर आप FD में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो यह सही समय हो सकता है, क्योंकि जल्द ही कम रिटर्न का दौर शुरू हो सकता है।

क्या इसमें और गिरावट आ सकती है?

RBI जब भी ब्याज दर यानी रेपो रेट तय करता है, तो उसका सबसे बड़ा आधार खुदरा मुद्रास्फीति दर होती है। भारत में मुद्रास्फीति पिछले 8 महीनों से लगातार घट रही है और जून 2025 में घटकर सिर्फ़ 2.1 प्रतिशत रह गई है। यह पिछले एक साल का सबसे निचला स्तर है। आमतौर पर, जब मुद्रास्फीति कम होती है, तो RBI के लिए ब्याज दरों में कटौती करना आसान होता है।

लेकिन इस बार, रिज़र्व बैंक सिर्फ़ इस आंकड़े को देखकर कोई फ़ैसला नहीं लेगा, क्योंकि इतनी कम मुद्रास्फीति की उम्मीद पहले से ही थी और इसी को ध्यान में रखते हुए, 100 आधार अंकों की कटौती पहले ही की जा चुकी है। अब, RBI आने वाले समय में मुद्रास्फीति किस दिशा में जा रही है, इस पर अगला फ़ैसला लेगा।

सरकार के 10 साल के बॉन्ड पर रिटर्न (bond yield) भी यही संकेत देता है। जनवरी 2025 में यह दर 6.84% थी, जो मई में गिरकर 6.16% हो गई। तब से यह 6.3 प्रतिशत के आसपास बनी हुई है। इसका मतलब है कि बाज़ार को नहीं लगता कि रिज़र्व बैंक जल्द ही कोई नई कटौती करेगा। हालाँकि, पहले कम की गई दरों का असर धीरे-धीरे बाज़ार तक पहुँचेगा। यानी, अगर रिज़र्व बैंक कोई नई घोषणा नहीं भी करता है, तो भी बैंक धीरे-धीरे अपने लोन और FD की ब्याज दरों में कटौती करते रहेंगे।

ब्याज दरें गिर रही हैं, FD निवेशकों को अब क्या करना चाहिए?

RBI अब तक तीन बार रेपो रेट में कटौती कर चुका है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले महीनों में जमा दरों में और गिरावट आने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2026 में कुल 100 आधार अंकों (1 प्रतिशत) तक की कटौती संभव है। ऐसे में, सावधि जमा (FD) में निवेश करने वालों को अब अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की ज़रूरत है, ताकि कम ब्याज दरों के कारण उन्हें कम से कम नुकसान उठाना पड़े और मौजूदा अवसरों का अधिकतम लाभ उठा सकें।

अब ज़्यादा ब्याज दरों पर FD करें

फ़िलहाल, कुछ बैंक FD पर 7% से 8% तक ब्याज दे रहे हैं। आने वाले समय में यह दर कम हो सकती है, लेकिन इसमें कुछ समय लग सकता है। ऐसे में, अभी लंबी अवधि की FD चुनना समझदारी हो सकती है।

अगर आप स्मॉल फाइनेंस बैंकों (SFB) में FD कर रहे हैं, तो यह ज़रूर देख लें कि आपकी जमा राशि की सुरक्षा के मामले में बैंक कितना विश्वसनीय है। हमेशा याद रखें कि आपकी 5 लाख रुपये की FD जमा राशि बीमा के अंतर्गत आती है।

लेडरिंग रणनीति अपनाएँ: खासकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए

FD लैडरिंग वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक बेहतरीन रणनीति है। इसमें आप अपनी पूरी राशि एक ही FD में निवेश नहीं करते, बल्कि उसे 1 साल, 2 साल, 3 साल जैसी अलग-अलग अवधियों में बाँट देते हैं। इसका फ़ायदा यह है कि अगर भविष्य में ब्याज दरें और गिरती हैं, तो केवल एक हिस्से का ही कम रिटर्न पर नवीनीकरण होगा, बाकी FD पुरानी, ऊँची दर पर ही चलती रहेगी। अगर ब्याज दरें फिर से बढ़ती हैं, तो उसी हिसाब से नई FD बुक की जा सकती है। ब्याज दरों में तेज़ी से बदलाव के इस दौर में, सही समय से ज़्यादा ज़रूरी है स्मार्ट स्ट्रक्चरिंग।

बेहतर रिटर्न के लिए बॉन्ड या म्यूचुअल फंड जैसे विकल्प

रेपो दरों में स्थिरता लोगों के लिए योजना बनाना आसान बनाती है। घर और ऑटो लोन की EMI में कोई बदलाव न होने से बजट बनाना आसान हो जाता है। हालांकि, एफडी पर ब्याज दरें नहीं बढ़ेंगी, इसलिए बेहतर रिटर्न की चाह रखने वालों को बांड या म्यूचुअल फंड जैसे विकल्पों पर विचार करना होगा।

Latest Updates

Latest Movie News

Get In Touch

Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.

Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265

info@hamaramahanagar.net

Follow Us

© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups