नयी दिल्ली: लोक सभा में मंगलवार को विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच “गोवा राज्य, सभा निर्वाचन क्षेत्र (Constituency) अनुसूचित जनजाति प्रतिनिधित्व का पुन: समायोजन विधेयक, 2024” ध्वनिमत से पारित हो गया। बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया वापस लिये जाने की मांग को लेकर विपक्षी दलों सदस्यों के हंगामे के बीच कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल (Law Minister Arjun Ram Meghwal) ने विधेयक को पारित किये जाने के लिए सदन में रखते हुए कहा कि गोवा राज्य में अनुसूचित जनजाति के लोगों की संख्या अनुसूचित जाति के लोगों से ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि इस स्थिति के मद्देनजर अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए राज्य विधानसभा सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाला यह विधेयक लाया गया है। विधेयक संविधान के अनुच्छेद 332 के अनुसार गोवा राज्य की विधानसभा क्षेत्रों के पुन: समायोजन कर अनुसूचित जनजाति की सूची में कतिपय समुदायों को सम्मिलित करने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि परिसीमन कार्य 2002 में शुरू हुआ था लेकिन 2001 की जनगणना के अनुसार राज्य में अनुसूचित जनजातियों की संख्या 566 दी गयी है जबकि गोवा राज्य की जनसंख्या 13 लाख से अधिक थी।
फिर गोवा की कुनबी, गावड़ा और वेलिप जातियों को अनुसूचित जनजातियों की सूची में सम्मिलित किया गया है। 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में अनुसूचित जनजातियों की संख्या 1492752 थी, लेकिन इन जनजातियों के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं है। मेघवाल ने कहा कि इस विधेयक पर पहले चर्चा हो चुकी है, अत: इसे पारित किया जाना चाहिए। विपक्षी सदस्यों के कुछ संशोधनों को अस्वीकृत किये जाने के बाद विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
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Tue, Aug 05 , 2025, 04:29 PM