Malegaon bomb blast case: मालेगांव बम विस्फोट मामले में सभी आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया है। इस संबंध में, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद (Shankaracharya Avimukteshwarananda) ने पूछा है कि अगर सभी को बरी किया जा रहा है, तो दोषी कौन है? उन्होंने पूछा है कि अगर इतने सालों बाद भी उन्हें पता नहीं है कि दोषी कौन है, तो क्या यह व्यवस्था की विफलता नहीं है? उन्होंने पूछा है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने मालेगांव बम विस्फोट (Malegaon bomb blast) और 2006 के लोकल ट्रेन बम विस्फोट (local train bomb blast) के आरोपियों को बरी किए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया और यह भी पूछा कि क्या ये बम विस्फोट अपने आप हुए थे।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद बोरीवली में एक कार्यक्रम में आए थे, जहाँ उन्होंने राज्य सरकार से कई सवाल पूछे थे। उन्होंने कहा कि सभी को बरी किया जा रहा है, तो दोषी कौन है? अगर इतने सालों बाद भी यह पता नहीं है कि दोषी कौन है, तो क्या यह व्यवस्था की विफलता नहीं है? मुंबई बम विस्फोट में सभी बरी हो गए और अब मालेगांव में भी सभी आरोपी बरी हो गए हैं, तो फिर दोषी कौन है? क्या ये बम विस्फोट अपने आप हो गए? उन्होंने पूछा है।
सत्तारूढ़ दल ने कांग्रेस पर भगवा आतंकवाद की साजिश रचने का आरोप लगाया है। इस संबंध में पूछे जाने पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि आतंकवाद आतंकवाद है और इसका कोई रंग नहीं होता। अगर कोई हिंदू आतंकवादी है, तो क्या कोई उसकी पूजा करेगा? अगर कोई मुस्लिम आतंकवादी है, तो क्या वे उसकी भी पूजा करेंगे? इसलिए आतंकवाद आतंकवाद है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को इसे कतई बर्दाश्त नहीं करना चाहिए।
गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दें
मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi), लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करूँगा कि गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा मिले। महाराष्ट्र राज्य ने गाय को राज्य माता का दर्जा दिया है। इसलिए हम यह भी मांग करते हैं कि राज्य सरकार राज्य माता का प्रोटोकॉल तय करे। यह जनता द्वारा चुनी हुई सरकार है, इसलिए सरकार को जनता की भावनाओं को समझना चाहिए। गाय हमारी माता है। अगर कोई उसका वध करता है, तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। सरकार को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने भी कहा।
मैं खुद मराठी सीख रहा हूँ..
जब हिंदी को राज्य भाषा का दर्जा मिला, तब महाराष्ट्र राज्य अस्तित्व में नहीं था। फिर संयुक्त महाराष्ट्र की लड़ाई हुई और महाराष्ट्र राज्य अस्तित्व में आया। पहले हिंदी भाषा को राज्य भाषा का दर्जा मिला। बाद में मराठी को मिला। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने भी कहा है कि मैं खुद मराठी सीख रहा हूँ।
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Sun, Aug 03 , 2025, 07:40 PM