भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) में आज कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने सदन से बहिर्गमन कर दिया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार (Leader of Opposition Umang Singhar) समेत कांग्रेस विधायकों फूलसिंह बरैया और जयवर्धन सिंह ने अपनी ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (Chief Minister Dr Mohan Yadav) का ध्यान कानून व्यवस्था की ओर आकर्षित किया। सिंघार ने कहा कि पुलिस प्रशासन आपराधिक घटनाओं को रोकने में असफल साबित हो रहा है। साइबर अपराध (Cyber crimes) बढ़ते जा रहे हैं। राजनीतिक दबाव में लोगों को झूठे प्रकरणों में फंसाया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि अपराधियों को छुड़ाने के लिए थानों में गाड़ियां भेजी जा रही हैं। अपराधियों को मंत्रियों का संरक्षण मिला हुआ है। विधायक बरैया ने कहा कि दतिया के भांडेर पुलिस थाने में एक एएसआई ने थाना परिसर में प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली, पर इस मामले में 10 दिन बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई। कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने विभिन्न प्रकरणों का संदर्भ देते हुए कहा कि जोबट विधायक सेना पटेल के बेटे पुष्पराज पटेल पर एक छोटी सी टक्कर के मामले में धारा 307 का प्रकरण दर्ज कर दिया गया।
शिवपुरी के बैराड़ कस्बे में एक पंचायत में एक व्यापारी को सिर पर जूते रखने जैसी तालिबानी सजा दी गई। हरदा जिले में करणी सेना से जुड़े लोगों पर कार्रवाई के संदर्भ में श्री सिंह ने कहा कि पीड़ित पक्ष घपले से जुड़े मामले मे एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहा था, लेकिन पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बावजूद बल प्रयोग किया। सभी विधायकों के सवालों का उत्तर देते हुए राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि सरकार ने साइबर अपराध से जुड़े मामलों में 105 करोड़ रुपए से अधिक की राशि होल्ड की है।
ऐसे अपराधों के लिए 1930 नंबर की हेल्पलाइन है, जिस पर ऐसी घटनाओं की शिकायत की जा सकती है। राज्य में पहले दंगे हुआ करते थे, लेकिन अब सिर्फ धार्मिक तनाव होते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने हर 'मगरमच्छ' को खत्म कर दिया है। कुछ छोटी-मोटी 'मछलियां' बची हैं, उन्हें भी ख्रत्म कर दिया जाएगा। किसी भी गंभीर अपराध में नाम आने वाले पुलिसकर्मी को थाना प्रभारी नहीं बनाया गया है। बरैया के सवालों के उत्तर में मंत्री ने कहा कि भांडेर थाना एएसआई के मामले में जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
विधायक जयवर्धन सिंह के सवाल के जवाब में पटेल ने कहा कि जोबट मामले में आरोपी की काली स्कॉर्पियो बिना नंबर की थी और उसके खिलाफ पहले से छह प्रकरण दर्ज हैं। ऐसे में ये नहीं कहा जा सकता कि वह निर्दोष है। मंत्री का जवाब आ जाने के बाद भी कांग्रेस विधायक कानून व्यवस्था के बिगड़ने का आरोप लगाते रहे। नारेबाजी करते हुए सभी विधायक आसंदी के पास आ गए। इसी बीच अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कार्यवाही आगे बढ़ा दी, लेकिन कांग्रेस विधायकों का हंगामा जारी रहा। इस पर नारेबाजी करते हुए विपक्षी विधायक बहिर्गमन कर गए।
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Thu, Jul 31 , 2025, 03:04 PM