Vastu Tips: वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, रसोई के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा यानी दक्षिण-पूर्व दिशा उपयुक्त मानी जाती है। अगर रसोई उत्तर या पश्चिम दिशा में हो, तो अग्नि तत्व (fire element) असंतुलित हो जाता है। इससे मानसिक तनाव, बीमारी और पारिवारिक कलह हो सकती है।
पूर्व दिशा को सौर ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। क्योंकि सूर्य इसी दिशा से उदय होता है। इसलिए, पूर्व दिशा की ओर मुख करके खाना बनाने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। लेकिन विपरीत दिशा में खड़े होने से ऊर्जा का प्रवाह बाधित होता है। इससे आलस्य, थकान और चिड़चिड़ापन होता है।
गलत दिशा में खड़े होकर खाना बनाने से वास्तु दोष उत्पन्न होते हैं। इसका सीधा असर घर की उन्नति और विकास पर पड़ सकता है। इससे आर्थिक नुकसान हो सकता है। इतना ही नहीं, इससे व्यापार और नौकरी में भी बाधाएँ आ सकती हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, भोजन की ऊर्जा इस बात पर निर्भर करती है कि आप खाना बनाते समय किस दिशा में खड़े होते हैं। गलत दिशा में पका हुआ भोजन नकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होता है। इससे परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य और मनोदशा पर असर पड़ सकता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में खाना पकाना सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। भोजन ग्रहण करने के बाद आत्मा तृप्त होती है। गलत दिशा में उत्पन्न नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है। इससे घर में कलह, क्लेश और आपसी सामंजस्य में कमी आ सकती है।
वास्तु शास्त्र में दिशाओं का गहरा धार्मिक महत्व है। पूर्व दिशा की ओर मुख करके खाना बनाना शुभ माना जाता है क्योंकि यह सूर्य देव की दिशा है। दक्षिण दिशा की ओर मुख करके खाना पकाने से पितृ दोष या नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है।
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Tue, Jul 29 , 2025, 09:24 PM