Meeting with textile: भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते पर कपड़ा, चमड़ा, फुटवियर उद्योग के साथ बैठक

Mon, Jul 28 , 2025, 09:28 PM

Source : Uni India

नयी दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने सोमवार को कहा कि भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (India-UK SETTA) घरेलू कपड़ा, चमड़ा और फुटवियर उद्योगों के लिए एक परिवर्तनकारी अवसर है। गोयल इस समझौते पर वाणिज्य विभाग (Department of Commerce) द्वारा यहां कपड़ा, चमड़ा और फुटवियर क्षेत्र के हितधारकों के साथ परिचर्चा के लिए आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह समझौता इन क्षेत्रों के लिए अवसरों की नई दुनिया खोलता है। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि आयात शुल्क हटाने और एमएसएमई को सशक्त बनाने से समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा और रोज़गार सृजन होगा। उन्होंने कहा कि इस समझौते से भारतीय कारीगरों और निर्माताओं की वैश्विक पहचान भी बढ़ेगी।

बैठक में चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई), भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), भारतीय फुटवियर उद्योग परिसंघ (सीआईएफआई), भारतीय फुटवियर घटक निर्माता संघ (आईएफसीओएमए), फुटवियर डिजाइन एवं विकास संस्थान (एफडीडीआई), केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान (सीएलआरआई), चमड़ा क्षेत्र कौशल परिषद (एलएसएससी), विभिन्न वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषदों और उद्योग संघों के प्रतिनिधि तथा निर्यातक शामिल थे। कार्यक्रम में वस्त्र मंत्रालय, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी), राजस्व विभाग, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) सहित प्रमुख सरकारी विभागों के साथ-साथ वाणिज्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस समझौते से उत्पन्न अवसरों और क्षेत्रीय तैयारियों पर हुए विचार-विमर्श में भाग लिया।

इस समझौते से ब्रिटेन के बाजार में बांग्लादेश, कंबोडिया और पाकिस्तान जैसे कुछ प्रमुख प्रतिस्पर्धी देशों की तुलना में भारतीय वस्त्रों के समक्ष शुल्क संबंधी चुनौती (12 प्रतिशत तक आयात शुल्क की बाधा) दूर होगी। वहां शून्य-शुल्क पर रेडीमेड गारमेंट्स, होम टेक्सटाइल्स, कार्पेट और हस्तशिल्प को बेचने की छूट से भारत में इन क्षेत्रों के उद्यमों के लिए निर्यात में तेज़ वृद्धि की संभावनाएँ बनी हैं। बैठक में बताया गया कि यह समझौता भारतीय वस्त्रों की माँग बढ़ाने में मदद करेगा और तिरुपुर, जयपुर, सूरत, लुधियाना, पानीपत, भदोही, मुरादाबाद जैसे सभी प्रमुख कपड़ा संकुलों को लाभ होगा। इस समझौते से भारतीय उत्पादों पर ब्रिटेन में आयात शुल्क नहीं लगेगा जबकि अभी तक चमड़े के सामान पर दो प्रतिशत से आठ प्रतिशत, चमड़े के जूतों के लिए 4.5 प्रतिशत और गैर-चमड़े के जूतों के लिए 11.9 प्रतिशत तक शुल्क लगता है। समझौते के बाद भारतीय निर्यातकों के लिए बांग्लादेश, कंबोडिया और वियतनाम जैसे प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले प्रतिस्पर्धा का स्तर समान होगा जिन्हें ब्रिटेन के बाज़ार में तरजीही पहुँच प्राप्त है।

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