थाईलैंड-कंबोडिया नियंत्रण रेखा (Thailand–Cambodia Line of Control) पर पिछले तीन दिनों से भीषण संघर्ष चल रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) भी इस घमासान में कूद पड़े हैं। उन्होंने दोनों देशों को धमकी दी है। उन्होंने दोनों देशों के नेताओं से जल्द ही युद्धविराम की घोषणा करने की अपील की है। भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) संघर्ष की तरह, उन पर इस युद्ध का श्रेय लेने का आरोप लग रहा है। दोनों देशों के बीच इस संघर्ष में अब तक 30 से ज़्यादा नागरिकों की जान जा चुकी है। जबकि 1.3 लाख लोग बेघर हो गए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की धमकी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस समय स्कॉटलैंड के दौरे पर हैं। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर जानकारी दी है कि उन्होंने थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचाइचाई और कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन से अलग-अलग बातचीत की। ट्रंप ने दोनों देशों को धमकी दी है कि अगर युद्ध जारी रहा, तो अमेरिका उनके साथ व्यापार समझौता नहीं करेगा।
दोनों देश शांति चाहते हैं और दोनों शांति के लिए तैयार हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों के नेता जल्द ही मिलेंगे और युद्धविराम की दिशा में काम करेंगे और इसकी घोषणा करेंगे। दिलचस्प बात यह है कि न तो दोनों देशों के दूतावासों और न ही व्हाइट हाउस ने इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा की है। इसलिए, ट्रंप के विरोधी ट्रंप पर युद्धविराम का श्रेय लेने की जल्दबाज़ी करने का आरोप लगा रहे हैं।
मलेशियाई प्रधानमंत्री ने युद्धविराम पर ज़ोर दिया
आसियान के अध्यक्ष और मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने दोनों देशों के बीच संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने दोनों देशों के सामने युद्धविराम का प्रस्ताव रखा है। कंबोडिया ने इस प्रस्ताव पर तुरंत प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह युद्धविराम से सहमत है। दूसरी ओर, थाईलैंड ने घोषणा की है कि वह इस प्रस्ताव के लिए आंशिक रूप से तैयार है। इसलिए, संभावना है कि यह युद्ध जल्द ही समाप्त हो जाएगा।
दोनों देशों के बीच किस बात को लेकर विवाद है?
प्रिया विहार और ता मुएन थॉम मंदिरों (Preah Viharaya and Ta Muen Thom temples) की भूमि के स्वामित्व को लेकर दोनों देशों के बीच कानूनी और राजनीतिक विवाद रहा है। 1907 में, कंबोडिया फ्रांसीसी नियंत्रण में था। उस समय दोनों देशों के बीच 817 किलोमीटर लंबी सीमा, यानी नियंत्रण रेखा, खींची गई थी। तभी से इन दो शिव मंदिरों को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद चल रहा है। ये मंदिर 1000 साल पुराने हैं। कंबोडिया ने इस मंदिर को यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल करने की कोशिश की थी। उसके बाद से यह विवाद बढ़ता गया।
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Sun, Jul 27 , 2025, 11:28 AM