Sawan is the Season of Adornment of Nature: प्रकृति के श्रृंगार माह के रूप में माने जाने वाले श्रावण माह (month of Shravan) के रिमझिम फुहारों पर आधारित गीतों की रचना कर फिल्मकारों ने प्यार के विभिन्न रूपों का खूबसूरती से चित्रण किया है। हिंदी फिल्मों में सावन का सीधा संबंध रोमांस (Sawan and Romance) से रहा है। दौर कोई भी हो फिल्मों में सावन के गाने दर्शकों को पसंद आते रहे हैं। फिल्मों के बदलते ट्रीटमेंट की वजह से हाल के कुछ सालों में हिंदी फिल्मों से सावन पर आधारित गीतों की संख्या भले ही कम हो गयी हो लेकिन दर्शकों को आज भी यह गीत लुभाते हैं।
फिल्म की कहानी की मांग के अनुरूप गीतकारों ने अपनी रचनाओं में ‘सावन’ शब्द का कई बार प्रयोग किया है। पहले जमाने में सावन के गीतों की शूटिंग के लिए फिल्मकार लंबा इंतजार करते थे जिससे प्रकृति के वास्तविक सौंदर्य को कैमरे के जरिए दर्शकों को दिखाया जा सके। बाद में तकनीक के सहारे के कृत्रिम बारिश कराकर ऐसे सीन को शूट किया जाने लगा।
सावन को केन्द्र में रखकर रचित गीतों में सावन को आने दो, रिमझिम गिरे सावन, पतझड़ सावन बसंत बहार, हरियाला सवान ढ़ोला बजाता आया, कुछ कहता है ये सावन, आया सावन झूम के,अबके बरस सावन में ,लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है, सावन का महीना पवन करे शोर, मेरे नैना सावन भादो ,ओ सावन राजा कहां से आये तुम, सावन के झूलों ने मुझको बुलाया, दिल में आग लगाये सावन का महीना, अजहूं न आए बालमा सावन बीता जाए, सावन के झूले पड़े तुम चले आओ, मैं प्यासा तुम सावन, रिमझिम के गीत सावन गाये अधिक चर्चित है।
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Sat, Jul 26 , 2025, 02:47 PM