वहन-पत्र विधेयक राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित, संसद की लगी मुहर

Mon, Jul 21 , 2025, 04:06 PM

Source : Uni India

Shipping documents: राज्यसभा ने पोत परिवहन दस्तावेजों (Shipping documents) के लिए कानूनी ढांचे को अद्यतन, पारदर्शी और सरल बनाने से संबंधित वहन-पत्र विधेयक 2025 (Bill of Lading Bill 2025) को सोमवार को विपक्ष की अनुपस्थिति में संक्षिप्त चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसके साथ ही इस पर संसद की मुहर (Parliament's seal) लग गयी। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के सदस्यों ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा कराने की मांग को नहीं माने जाने पर सदन से बहिर्गमन किया था।

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने विधेयक पर हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह विधेयक 169 वर्ष पुराने औपनिवेशिक नौवहन कानून को आधुनिक बनाने के लिए लाया गया है। यह समुद्री नौवहन को आधुनिक और हितधारकों के अनुकूल दृष्टिकोण प्रदान करेगा। नए कानून का उद्देश्य भाषा को सरल बनाना और उसके मूल तत्वों को बदले बिना प्रावधानों को पुनर्गठित करना है। यह सरकार को 1856 के अधिनियम की औपनिवेशिक विरासत को खत्म करते हुए वैश्विक मापदंडों के अनुरूप कानून बनाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि नये कानून को इस विधेयक के माध्यम से मूल तत्व को बदले बिना मौजूदा जरूरतों के अनुरूप बनाया गया है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से मंत्रालय ने मिशन मोड में कार्य करते हुए अनेक उपलब्धियां हासिल की है और मंत्रालय के कामकाज में नयी ऊर्जा का संचार हुआ है। उन्होंने कहा कि देश के बड़े बंदरगाहों को सड़क तथा रेल मार्गों से जोड़ा गया है जिससे बंदरगाहों की कार्गो क्षमता में कई गुना बढोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वर्ष 2047 तक भारत को पोत निर्माण क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल करने का लक्ष्य रखा है। श्री सोनोवाल ने कहा कि यह विधेयक देश में कानूनी ढांचे को आधुनिक बनाने, इसे अधिक प्रासंगिक, सुलभ और औपनिवेशिक विरासतों से मुक्त बनाने के दृष्टिकोण को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इससे पहले भाजपा के शंभू शरण पटेल ने विधेयक पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि देश में 78 वर्ष की आजादी के बाद भी अंग्रेजों के समय के कानून चले आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह विधेयक 169 वर्ष पुराने कानून को नया रूप देगा और इससे पोत परिवहन के क्षेत्र में नयी ऊर्जा आयेगी। भाजपा सदस्य ने कहा कि इससे कानून में पारदर्शिता आयेगी और पुराने कानून की खामियां दूर होंगी। इससे व्यापार में सुगमता आयेगी और यह विधेयक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा। वाई एस आर सी पी के मेदा रघुनाधा रेड्डी ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इससे भारत में पोत परिवहन के क्षेत्र में कानूनों को मौजूदा जरूरतों के अनुरूप बनाने में मदद मिलेगी।

अन्नाद्रमुक के एम तंबी दुरै ने विधेयक का समर्थन किया। उन्होंने तमिलनाडु के ज्यादातर बंदरगाहों से मादक पदार्थों की तस्करी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार इस पर अंकुश लगाने में विफल रही है। उन्होंने इस मामले में केन्द्र सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की। भाजपा के अरूण सिंह ने इसे पोत परिवहन के क्षेत्र में सुधार के लिए लाया गया विधेयक बताते हुए कहा कि इससे समुद्री व्यापार में सुगमता आयेगी। समुद्री व्यापार करने वाले पक्षों तथा हितधारकों को पारदर्शिता का फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह विधेयक समय की मांग है और इसमें विभिन्न हितधारकों के अधिकार भी स्पष्ट किये गये हैं।

आम आदमी पार्टी के डा. अशोक कुमार मित्तल ने कहा कि केवल औपनिवेशक कानूनों को बदलने से कुछ नहीं होगा और साथ ही औपनिवेशक नीतियों को भी बदलने की जरूरत है। उन्होंने विधेयक में सरकार को समुद्री व्यापार में असीमित शक्तियां दिये जाने को भी अनुचित करार दिया। उन्होंने कहा कि केवल विधेयक का नाम बदलने से काम नहीं चलेगा उसकी आत्मा और सोच को भी बदलने की जरूरत है। बीजू जनता दल के निरंजन बिशी ने भी विधेयक में समुद्री नौवहन से संबंधित मामलों में सरकार को असीमित अधिकार दिये जाने पर आपत्ति जतायी।

Latest Updates

Latest Movie News

Get In Touch

Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.

Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265

info@hamaramahanagar.net

Follow Us

© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups