11 जुलाई 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेन में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में आज आया फैसला! मात्र 11 मिनट में सात शक्तिशाली विस्फोटों से दहल गई थी मुंबई

Mon, Jul 21 , 2025, 12:27 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Mumbai 2006 Blast Case: 19 साल बाद बॉम्बे हाईकोर्ट (Mumbai High Court) ने 11 जुलाई 2006 को मुंबई की एक लोकल ट्रेन में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले (serial bomb blast case) में अपना फैसला सुना दिया है। सोमवार को सुनाए गए इस फैसले में हाईकोर्ट द्वारा सभी 11 आरोपियों को बरी किए जाने को पुलिस और आतंकवाद निरोधी दस्ते (anti-terrorism squad) की जाँच के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। इस फैसले के मौके पर 2006 के उस भयानक धमाके (Mumbai 2006 Blast Case) की यादें एक बार फिर ताज़ा हो गई हैं। इस सिलसिलेवार बम धमाकों में 209 लोग मारे गए थे। 800 से ज़्यादा घायल हुए थे। यह मुंबई के इतिहास का एक काला अध्याय था।

11 जुलाई 2006 को, मुंबई में पश्चिमी रेलवे लाइन पर माटुंगा और मीरा रोड स्टेशनों (Matunga and Mira Road stations) के बीच 11 मिनट के अंतराल पर सात विस्फोट हुए। ये विस्फोट पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए थे। आतंकवादियों ने इन विस्फोटों के लिए प्रेशर कुकर बम (pressure cooker bombs) का इस्तेमाल किया था। 11 जुलाई को, मुंबईकर रोज़ाना की तरह अपने दफ़्तरों से घर जा रहे थे। पश्चिमी रेलवे लाइन (Western Railway line) पर लोकल ट्रेनें हमेशा की तरह खचाखच भरी थीं। पहला धमाका सुबह 6:24 बजे और आखिरी 6:35 बजे हुआ। ये सात विस्फोट माटुंगा रोड, माहिम, बांद्रा, खार रोड, जोगेश्वरी, बोरीवली और मीरा रोड स्टेशनों के बीच कुछ ही मिनटों के अंतराल पर हुए।

ये विस्फोट इतने शक्तिशाली थे कि ट्रेन के डिब्बे सचमुच चकनाचूर हो गए। पहला धमाका सुबह 6.24 बजे, दूसरा 6.24 बजे, तीसरा 6.25 बजे, चौथा 6.26 बजे, पाँचवाँ 6.29 बजे, छठा 6.30 बजे और सातवाँ 6.35 बजे हुआ। इनमें से तीन धमाके बांद्रा-खार रोड, मीरा रोड-भायंदर और माटुंगा रोड-माहिम स्टेशनों के बीच हुए। तीन अन्य धमाके उस समय हुए जब लोकल ट्रेनें माहिम, जोगेश्वरी और बोरीवली स्टेशनों से निकल रही थीं। माहिम में हुए धमाके में सबसे ज़्यादा मौतें हुईं। यह लोकल ट्रेन चर्चगेट से बोरीवली जा रही थी। इस ट्रेन में 43 यात्रियों की मौत हो गई।

आतंकवादियों ने इन धमाकों के लिए प्रेशर कुकर बमों का इस्तेमाल किया। इन बमों में आरडीएक्स, अमोनियम नाइट्रेट, ईंधन तेल और कीलों का इस्तेमाल किया गया था। आतंकवादियों ने अलग-अलग लोकल ट्रेनों में टाइमर लगाकर ये प्रेशर कुकर बम रखे थे। आतंकवादियों ने ट्रेन में बम लगाया और नीचे उतर गए। इसके बाद, तय समय पर बम फट गया। विस्फोट के बाद, मलबे में एक प्रेशर कुकर के हैंडल मिले। उसी से यह सब पता चला।

दहल गई थी मुंबई 
 मात्र 11 मिनट में हुए इन सात शक्तिशाली विस्फोटों से मुंबई दहल गई। इन विस्फोटों के बाद, मुंबई में रेल यातायात तुरंत रोक दिया गया। बाद में हुई जाँच के दौरान, कुछ बिना फटे कुकर बम मिले। इन शक्तिशाली विस्फोटों के कारण, ट्रेन में बैठे यात्रियों के शरीर के टुकड़े-टुकड़े हो गए। इन विस्फोटों के बाद, बड़ी संख्या में घायल लोगों को मुंबई के सभी सरकारी अस्पतालों में लाया गया। ये सभी विस्फोट लोकल ट्रेन के प्रथम श्रेणी के डिब्बों में हुए। ज़्यादातर बम चर्चगेट से चलने वाली लोकल ट्रेनों में रखे गए थे। जाँच के दौरान एक सिद्धांत सामने आया कि लश्कर-ए-तैयबा ने गुजरात में हुई हिंसा का बदला लेने के लिए मुंबई के गुजराती नागरिकों को निशाना बनाने के लिए ये विस्फोट किए थे।

 

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