Vaishnavi Hagawane case : महिला, बाल अधिकार एवं कल्याण संबंधी विधान समिति की रिपोर्ट (Legislative Committee on Women, Child Rights and Welfare) में खुलासा हुआ है कि हगावणे परिवार द्वारा प्रताड़ित किए जाने के बाद आत्महत्या करने वाली वैष्णवी हगावणे के मामले (case of Vaishnavi Hagawane) में कई खामियाँ हैं। इस समिति ने पुलिस की भूमिका की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि जलिंदर सुपेकर (Jalinder Supekar) की गहन जाँच करके उन्हें सह-आरोपी बनाने की ज़रूरत है। इस रिपोर्ट का विवरण सामने आया है और इसमें साफ़ तौर पर देखा जा सकता है कि जलिंदर सुपेकर की पत्नी के खाते में रुखवाता के नाम से डेढ़ लाख रुपये तक ट्रांसफर किए गए थे। इसलिए उनकी भी जाँच होनी चाहिए और उन्हें सह-आरोपी बनाया जाना चाहिए, यह भी रिपोर्ट में साफ़ तौर पर कहा गया है। इससे जलिंदर सुपेकर की मुश्किलें बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।
जालिंदर सुपेकर की जाँच में संलिप्तता और हस्तक्षेप
इस मामले में पुणे के तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक, जालिंदर सुपेकर, जो हगावणे परिवार के करीबी थे, की संलिप्तता और हस्तक्षेप सामने आया है। इसलिए, रिपोर्ट में कहा गया है कि सुपेकर को इस मामले की जाँच से दूर रखा जाना चाहिए। सुपेकर का एक ऑडियो टेप प्रसारित किया गया है। इसकी फोरेंसिक विभाग द्वारा जाँच की जानी चाहिए और सुपेकर को निलंबित करके उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उन्हें सह-अभियुक्त बनाया जाना चाहिए।
इस बीच, हालाँकि रिपोर्ट में आत्महत्या दिखाई गई है, लेकिन रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह घरेलू हिंसा, यातना और दहेज का मामला है। इस पृष्ठभूमि में, समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जालिंदर सुपेकर की जाँच करने और यदि वे इसमें शामिल हैं तो उन्हें निलंबित करके सह-अभियुक्त बनाने की आवश्यकता है। विधानसभा की महिला एवं बाल अधिकार एवं कल्याण समिति ने अपनी पहली रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। इस पहली रिपोर्ट में सुपेकर पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इससे दंपत्ति की मुश्किलें बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।
समिति ने व्यवस्था की खामियों को दूर करने के लिए सरकार को कई सिफारिशें भी की हैं। यह भी कहा गया है कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि वैष्णवी के पति को उसके ससुराल वालों ने अमानवीय मारपीट, यातना और उत्पीड़न का शिकार बनाया और दहेज के रूप में ब्रांडेड कारें, चांदी के बर्तन, सोना, नकदी और अन्य सामान लिया। इसलिए, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस मामले की जाँच तुरंत पूरी की जाए और आरोपियों व सह-आरोपियों के खिलाफ सबूतों को नष्ट न किया जाए।
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Sat, Jul 19 , 2025, 01:49 PM