Pahalgam tourist rape case: पहलगाम पर्यटक बलात्कार केस में आरोपी को जमानत देने से इनकार!

Tue, Jul 01 , 2025, 08:56 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले की एक अदालत ने गत 22 अप्रैल को आतंकवादियों द्वारा 26 पर्यटकों की नृशंस हत्या से ग्यारह दिन पहले 11 अप्रैल को 70 वर्षीय महिला पर्यटक से बलात्कार की घटना में आरोपी को जमानत देने से साफ इंकार कर दिया।

मामले की सुनवायी के बाद इस घटना को अनंतनाग जिले की एक अदालत ने नैतिक पतन का प्रतिबिंब बताया जो इस क्षेत्र की सांस्कृतिक अखंडता और पर्यटन स्थल के रूप में प्रतिष्ठा को खतरे में डालता है। पहलगाम का पर्यटन स्थल दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में आता है।

महाराष्ट्र की वृद्ध पर्यटक पर एक होटल में हमला किया गया जब आरोपी ने कथित तौर पर उसके होटल के कमरे में घुसकर उसका मुंह बंद कर दिया और उसके साथ बलात्कार किया। उस समय उसके परिवार के सदस्य घर के बाहर थे। आरोपी घटना को अंजाम दे खिड़की से कूदकर भाग गया।

गत 27 जून को अनंतनाग जिले की एक अदालत ने इस घटना को ‘नैतिक पतन’ और ‘बीमार मानसिकता’ का प्रतिबिंब बताते हुए आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया। न्यायाधीश ने कहा कि कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता अकेले पर्यटन स्थल के रूप में अपनी अपील को बनाए नहीं रख सकती जब तक कि समाज के नैतिक ताने-बाने को संरक्षित नहीं किया जाता।

अदालत को बताया गया कि आरोपी ने महिला के होटल के कमरे में अकेले होने का फायदा उठाते हुए कमरे में प्रवेश किया, कंबल से उसका मुंह बंद किया, उसके साथ बलात्कार किया, उसे घायल किया और फिर कमरे की खिड़की से भाग गया। अदालत को बताया गया कि उसके साथ इतना क्रूर यौन उत्पीड़न किया गया कि वृद्ध महिला न तो बैठ पा रही थी और न ही हिल पा रही थी और कई दिनों तक दर्द में रही।

अदालत ने कहा कि महिला के साथ ‘बहुत ही घिनौना व्यवहार’ किया गया और यह घटना न केवल एक आपराधिक कृत्य थी बल्कि नैतिक पतन भी था खासकर तब जब पीड़ित कश्मीर घूमने आई एक बुजुर्ग पर्यटक थी।

अदालत ने कहा,“एक सम्मानित अतिथि, संतों और ऋषियों की भूमि पर आने वाली एक बुजुर्ग महिला के साथ इतना घिनौना व्यवहार किया गया कि उसे अपने बुढ़ापे को बिताने के लिए इस जगह को चुनने का पछतावा होगा।” इस घटना को ‘दुर्भावनापूर्ण और बीमार मानसिकता का प्रतिबिंब’ बताते हुए अदालत ने आरोपी की जमानत खारिज करने के लिए चल रही जांच और उपलब्ध साक्ष्यों को मुख्य कारण बताया।

अदालत ने जमानत देने से इनकार करने के लिए चल रही जांच और प्रथम दृष्टया साक्ष्यों, जिसमें शिकायतकर्ता का बयान, प्रत्यक्षदर्शी बयान और मेडिकल और फोरेंसिक रिपोर्ट शामिल हैं, का भी हवाला दिया। न्यायाधीश ने कहा कि जमानत आवेदन या प्रस्तुत तर्कों में ऐसा कुछ भी नहीं है जो आरोपी की रिहाई को उचित ठहराता हो।

न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा,“यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। सभी संभव शब्दों में निंदनीय है और इसने उस समाज की अंतरात्मा को झकझोर दिया है जो अपने समृद्ध नैतिक मूल्यों तथा संस्कृति पर आधारित होने का दावा करता है लेकिन अब पूरी तरह से हिल गया है।” आरोपी ने इस आधार पर जमानत के लिए आवेदन किया था कि पुलिस ने उसके और उसके पिता के खिलाफ कुछ व्यक्तिगत रंजिश रखी है जिसके कारण उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है।

अदालत ने हालांकि कहा,“यह अदालत इस चरण में जमानत के लिए प्रार्थना के साथ कानूनी रूप से सामंजस्य नहीं रखती है, जिसे तदनुसार खारिज किया जाता है। केवल घास के मैदान, पहाड़, हरे-भरे खेत, जंगल, झरने, नदियाँ, नाले और बगीचे कश्मीर को एक वांछित पर्यटन स्थल के रूप में बचाने के लिए नहीं आएंगे।”

Latest Updates

Latest Movie News

Get In Touch

Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.

Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265

info@hamaramahanagar.net

Follow Us

© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups