वाशिंगटन/नयी दिल्ली: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर (Dr. S. Jaishankar) सोमवार को अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा पर वाशिंगटन पहुंचे जहां उन्होंने ‘आतंकवाद की मानवीय कीमत’(Human Cost of Terrorism) पर प्रदर्शनी का उदघाटन किया। डा. जयशंकर ने कहा,“यह प्रदर्शनी न केवल स्मरण का स्थान है - यह अंतरात्मा की आवाज है। यह उन पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को श्रद्धांजलि है जिनकी जान दुनिया भर में आतंकवाद के कृत्यों के कारण चली गई है या हमेशा के लिए बदल गई है। यह दुनिया भर में आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद से निपटने के हमारे सामूहिक प्रयास को तेज करके एक अधिक दयालु, समावेशी और शांतिपूर्ण दुनिया बनाने के हमारे संकल्प को नवीनीकृत करता है।”
डा. जयशंकर की यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और शक्ति संतुलन की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है। यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्वाड समूह की विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेना और संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद की मानवीय लागत पर आधारित उक्त अहम प्रदर्शनी का उद्घाटन करना शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन की ओर से वाशिंगटन में यह प्रदर्शनी लगाई गई है जिसका आज डा. जयशंकर ने उद्घाटन किया।
डा. जयशंकर की यह यात्रा अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के आमंत्रण पर हो रही है। एक जुलाई को वॉशिंगटन में होने वाली क्वाड बैठक में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री शामिल होंगे। यह बैठक जनवरी 2025 में वाशिंगटन में हुई पिछली बैठक की अगली कड़ी मानी जा रही है। इस दौरान नेता हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता, समुद्री सुरक्षा, आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन और जलवायु परिवर्तन जैसे प्रमुख विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे।
विदेश मंत्रालय के जारी बयान में कहा गया है कि मंत्रियों से स्वतंत्र, खुला और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए नए प्रस्तावों पर चर्चा करने की भी उम्मीद है। इसके अतिरिक्त वे विभिन्न क्षेत्रों में क्वाड के अंतर्गत चल रही पहलों की प्रगति की समीक्षा करेंगे जिससे आगामी क्वाड शिखर सम्मेलन (जिसकी मेजबानी भारत करेगा) के लिए ठोस आधार तैयार किया जा सके। इस प्रदर्शनी में दुनिया भर में हुए आतंकी हमलों के सामाजिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक प्रभावों को उजागर किया गया है। यह पहल भारत द्वारा सीमा पार आतंकवाद, विशेषकर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने की दिशा में एक रणनीतिक कदम मानी जा रही है।
भारत लगातार यह आग्रह करता रहा है कि आतंकवाद को अच्छे या बुरे आतंकवाद में नहीं बांटा जा सकता और वैश्विक समुदाय को इस चुनौती से एकजुट होकर लड़ना होगा। इस प्रदर्शनी के माध्यम से भारत संयुक्त राष्ट्र में यह संदेश देने जा रहा है कि आतंकवाद न केवल सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि यह मानवता के मूल्यों पर भी सीधा प्रहार करता है। डा. जयशंकर की यह यात्रा भारत की सक्रिय और प्रभावशाली कूटनीति का उदाहरण है, जो ना केवल क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने पर केंद्रित है बल्कि वैश्विक मंचों पर भारत की आवाज को मजबूत और निर्णायक बनाने की दिशा में भी एक ठोस प्रयास है।
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Tue, Jul 01 , 2025, 07:20 AM