Hindi language issue in Mumbai: हिंदी भाषा को अनिवार्य करने के मुद्दे पर अब राजनीतिक माहौल (political atmosphere) गरमा रहा है। तय हुआ था कि पहली से पांचवीं तक मराठी और अंग्रेजी माध्यम (Marathi and English medium) में हिंदी भाषा अनिवार्य रूप से पढ़ाई जानी होगी। मराठी प्रेमी नागरिकों और संगठनों के विरोध के बाद सरकार ने दो कदम पीछे हटने की तैयारी दिखाई थी। हालांकि, अब सरकार पर पिछले दरवाजे से हिंदी को अनिवार्य करने का आरोप लग रहा है। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे (MNS President Raj Thackeray) ने सरकार के खिलाफ जुर्माना लगाया है। 'स्कूली शिक्षा के लिए राज्य पाठ्यक्रम योजना 2024' के अनुसार, मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक हिंदी अब तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य होगी। अन्य माध्यमों के स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के पाठ्यक्रम में तीन भाषाएं - माध्यम भाषा, मराठी और अंग्रेजी - होंगी। सरकार ने मंगलवार देर रात एक परिपत्र जारी किया। इससे मराठी प्रेमी संस्थानों और संगठनों में रोष की लहर दौड़ गई।
राज ठाकरे ने आज मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार के इस फैसले पर अपनी नाराजगी जाहिर की। हिंदी को अनिवार्य करने के फैसले पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Chief Minister Devendra Fadnavis) से चर्चा हुई थी। उस समय उन्होंने घोषणा की थी कि वे उस फैसले को वापस ले रहे हैं। उसके बाद भी राज ठाकरे ने सरकार के इस फैसले पर आश्चर्य जताया। उन्होंने पूछा कि आप हमारे राज्य में तीसरी भाषा क्यों थोप रहे हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर गुजरात में कोई तीसरी भाषा नहीं है तो आप महाराष्ट्र का हिंदीकरण क्यों कर रहे हैं। राज ठाकरे ने भी यही रुख दोहराया। राज ठाकरे ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हम अभी हिंदी को अनिवार्य करने के मुद्दे का विरोध नहीं करेंगे तो महाराष्ट्र हिंदी के प्रभाव में आ जाएगा और मराठी भाषा खत्म हो जाएगी। गुजरात में तो कोई तीसरी भाषा ही नहीं है। फिर महाराष्ट्र में ही यह अनिवार्यता कैसे थोपी गई, उन्होंने दो टूक पूछा। राज ने कहा कि हिंदी को अनिवार्य करने के मुद्दे पर उन्होंने दो पत्र लिखे हैं।
इसलिए मैं आज तीसरा पत्र भेजूंगा, जो सभी प्रिंसिपलों को भेजा जाएगा। राज ने कहा कि मैंने यह पत्र पांच दिन पहले लिखा था। प्रिंसिपल को लिखे इस पत्र में राज ठाकरे ने कहा कि हिंदी के प्रभाव में कई भाषाएं आने लगी हैं। अगर बच्चे तीसरी भाषा नहीं सीखना चाहते हैं, तो आप किताबें क्यों छापना शुरू करते हैं, सहयोग नहीं करते। राज ने अपील की कि अगर सरकार आपको मजबूर करती है, तो उसके आगे न झुकें। उत्तर के लोग एक सभ्य महाराष्ट्र पर कब्जा करना चाहते हैं। उसके आगे न झुकें। अगर आप अड़े रहे, तो हम आपके पीछे रहेंगे.. लेकिन अगर आप दबाव में आ गए, तो मेरे महाराष्ट्र के सैनिक आपसे मिलने आएंगे। अगर ऐसा हुआ, तो हम इसे महाराष्ट्र के साथ विश्वासघात मानेंगे, राज ने इस पत्र में चेतावनी भी दी।
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Wed, Jun 18 , 2025, 12:25 PM