Kidney Damage: हमारा शरीर एक मशीन की तरह काम करता है, जिसमें हर अंग की एक खास भूमिका होती है। हमारे शरीर में लिवर और किडनी बहुत महत्वपूर्ण अंग हैं। ये दोनों अंग शरीर को अंदर से साफ रखने का अहम काम करते हैं, लेकिन बदलती जीवनशैली, खान-पान की आदतों और स्वास्थ्य (lifestyle) की अनदेखी के कारण इन अंगों के फेल होने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। लिवर और किडनी खराब होने की खबरें अक्सर आती रहती हैं, इसलिए सभी को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने की जरूरत है। अगर इन अंगों में होने वाली समस्याओं के लक्षणों को समय रहते पहचाना नहीं गया, तो जान को खतरा हो सकता है। आइए विशेषज्ञों (experts) से जानें लिवर और किडनी फेलियर के मुख्य कारणों और शुरुआती लक्षणों के बारे में…
लिवर क्यों फेल होता है?
लिवर हमारे शरीर का सबसे बड़ा अंग है, जो भोजन को पचाने, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और रक्त को शुद्ध करने जैसे काम करता है। जब यह अंग ठीक से काम करना बंद कर देता है, तो इसे लिवर फेलियर कहते हैं।
लिवर फेलियर के लक्षण
डॉ. मानस चटर्जी कहते हैं कि लिवर फेलियर के कई लक्षण होते हैं। शुरुआत में ये लक्षण स्पष्ट नहीं होते, लेकिन समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ते जाते हैं। अगर आपको लगातार थकान महसूस हो रही है, आपकी त्वचा और आंखें पीली पड़ रही हैं, पेट में सूजन या दर्द है, भूख नहीं लगती, अचानक वजन कम हो रहा है, बार-बार उल्टी हो रही है या जी मिचलाने लगा है, पेशाब का रंग गहरा है, चक्कर आ रहे हैं या बहुत ज्यादा नींद आ रही है (encephalopathy), तो ये लिवर फेलियर के लक्षण हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
किडनी फेलियर क्यों होता है?
किडनी का मुख्य कार्य रक्त को शुद्ध करना और शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को पेशाब के माध्यम से बाहर निकालना है। जब किडनी काम करना बंद कर देती है, तो इसे किडनी फेलियर कहते हैं। किडनी फेलियर के कई कारण हो सकते हैं। सफदरजंग अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. हिमांशु वर्मा के अनुसार किडनी फेलियर के कई कारण हो सकते हैं। इनमें उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त शर्करा स्तर, पेशाब करने में जलन या कठिनाई या आनुवंशिक कारण शामिल हो सकते हैं।
मधुमेह: लंबे समय तक अनियंत्रित शर्करा स्तर किडनी में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।
उच्च रक्तचाप: लगातार उच्च रक्तचाप किडनी की कार्यक्षमता को कम करता है।
कुछ दवाओं का असर: दर्द निवारक या एंटीबायोटिक दवाओं का लगातार इस्तेमाल किडनी को प्रभावित कर सकता है।
पेशाब करने में कठिनाई: मूत्र मार्ग में रुकावट या बार-बार संक्रमण होने से किडनी प्रभावित होती है।
आनुवांशिक कारण: कुछ लोग किडनी की संरचना में दोष के साथ पैदा होते हैं।
किडनी फेलियर के लक्षण
पैरों, टखनों और चेहरे पर सूजन, पेशाब कम होना या पूरी तरह बंद हो जाना, मांसपेशियों में ऐंठन या कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, लगातार थकान और नींद न आना, उल्टी या जी मिचलाना, भूख न लगना और शरीर में दर्द किडनी फेलियर के लक्षण हो सकते हैं। डॉ. हिमांशु वर्मा कहते हैं कि अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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Sun, Jun 08 , 2025, 08:18 PM