भारतीय योग परंपरा को बचाना मुख्य लक्ष्य: भारत भूषण

Thu, Jun 05 , 2025, 08:39 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

सहारनपुर: पद्मश्री अंतर्राष्ट्रीय योग गुरू भारत भूषण (Yoga Guru Bharat Bhushan) ने बुधवार को कहा कि योग अब दुनिया के लिए रहस्य नही रह गया बल्कि भारत में सरकारी संरक्षण के साथ ही संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित होने के बाद तो योग एक आधुनिक जीवन शैली और सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक बन गया है। उन्होने कहा कि कुछ देशों ने योग को बड़े उद्योग और व्यवसाय में तब्दील कर बहुत बड़ा अनिष्ट किया है, जिसके खिलाफ वह पूरी ताकत के साथ अभियान चला रहे हैं। गौरतलब है कि इसी माह 21 जून को विश्व योग दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजन होने वाले है।

योग गुरु ने कहा कि चीन जैसे देशों में तो ये योग इंडस्ट्री ही कहलाता है। योग की इस आपाधापी में कहीं स्वयंभू गुरुओं ने अपने नामों से इसकी ब्रांडिंग शुरू कर दी तो कहीं मनचाहे हॉट योग, रोमांस योगा, न्यूड योग,बीयर योगा, पावर योगा जैसे लोक लुभावन नामों से योग के प्रति आकर्षित हो रहे लोगों को उल जलूल सिखाया जाने लगा। यहां तक कि विदेशियों ने अपने संगठन बनाकर योग शिक्षकों के प्रमाणीकरण का धंधा भी शुरू कर दिया। ये संगठन और स्वयं भू गुरु इतने भारी पड़ने लगे कि भारतीय योग की शैली उसका स्वरूप और यहां के मूल योगिराज शिव के योग, गीता, सांख्य, योगवशिष्ठ, पातंजल योगसूत्र, गोरक्षपद्धति, घेरंड संहिता, मत्स्येंद्रनाथ आदि परंपराओं द्वारा वर्णित मानव के समग्र शोक का हरण करने वाले योग का जिक्र भी होना बंद हो गया।

उन्होने कहा कि लोगों को अगर कुछ याद है भी तो सिर्फ इतना कि योग इंडिया ने दिया है। उतने पर भी पाकिस्तान में इस्लाम द्वारा प्रदत्त कहकर इस्लामिक योग और क्रिश्चियन योगा जैसे विचार उछाल कर योग पर अपना दावा पेश करने की शुरुआत हो गई। भारतीय योगी स्वामी भारत भूषण ने यह अनुभव किया कि इस विद्या को इंडियन योग कहना भी इसके सबसे प्राचीन विद्या होने के गौरव को कम कर रहा है क्योंकि भारत देश की इंडिया के रूप में पहचान तो चंद वर्ष पुरानी ही है, जबकि योग मानवता को दुनिया के सबसे पुराने और पहले देश भारत की देन है, जिस पर भारतीय ऋषियों ने धर्म और जाति का कभी कोई मुलम्मा नहीं लगाया क्योंकि वो पूरी मानवता को अपना परिवार मानते रहे हैं।

विश्वविद्यालीय शिक्षा के लिए योग का पहला डिग्री पाठ्यक्रम योगी भारतभूषण और गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के ईश्वर भारद्वाज द्वारा ही बनाया गया था जो आज विश्वविद्यालयों में पी जी और रिसर्च के सब्जेक्ट रूप में पढ़ाया जा रहा है । योगगुरु स्वामी भारत भूषण आज भारत सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए गठित अंतरमंत्रालयीय समिति में योग विशेषज्ञ तो हैं ही, उनके द्वारा लिखे गए गीत को भारत सरकार ने 2016 से योग गीत भी घोषित भी किया है।

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