चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान (Chief of Defence Staff Anil Chauhan) ने पहली बार माना कि पाकिस्तान (Pakistan) ने 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) के पहले दिन कुछ भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया था। हालांकि, उन्होंने इस बारे में और कोई जानकारी नहीं दी। उन्होंने शनिवार को मीडिया को इंटरव्यू दिया। उन्होंने कहा कि यह पता लगाना ज्यादा जरूरी है कि ऐसा क्यों हुआ, बजाय इसके कि कितने विमान खो गए। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान का छह भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा पूरी तरह से गलत है। जनरल चौहान (General Chauhan) 'शांगरी-ला डायलॉग' कार्यक्रम में हिस्सा लेने सिंगापुर गए हैं। वहां उन्होंने 'ब्लूमबर्ग टीवी' को इंटरव्यू दिया।
जनरल चौहान ने यह भी साफ तौर पर कहा कि संघर्ष के दौरान दोनों देशों के बीच कभी भी परमाणु युद्ध का खतरा नहीं था। इस इंटरव्यू में उनसे पूछा गया था कि क्या पाकिस्तान के साथ चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष में भारत ने कोई लड़ाकू विमान खोया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जनरल चौहान ने कहा, "यह पता लगाना ज़्यादा ज़रूरी था कि विमान क्यों क्षतिग्रस्त हुए, ताकि भारतीय सेना अपनी रणनीति में सुधार कर सके और फिर से हमला कर सके। इसी के अनुसार हमने रणनीति में हुई गलतियों को समझा, उन्हें सुधारा और पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हमले किए। हमने उनकी सभी एयर डिफेंस प्रणालियों को भेदा और उन पर सटीक हमला किया।" इससे पहले भारतीय वायुसेना के डीजीएओ एयर मार्शल ए. के. भारती ने 11 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में माना था कि लड़ाकू विमान क्षतिग्रस्त हुए थे। हालांकि, कहा गया था कि सभी आईएएफ पायलट सुरक्षित वापस लौट आए हैं।
जनरल चौहान ने अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों के इस दावे को खारिज कर दिया कि संघर्ष के दौरान भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु युद्ध के करीब पहुंच गए थे। "मेरी निजी राय है कि जब संघर्ष होता है, तो सेना में मौजूद लोग सबसे ज़्यादा तार्किक होते हैं। इस ऑपरेशन के दौरान मैंने दोनों पक्षों के विचारों और कार्यों में काफ़ी तर्क देखा। तो हम यह क्यों मान लें कि परमाणु मामले में कोई भी पक्ष तर्कहीन तरीके से काम करेगा?"
जनरल चौहान ने इस बात पर भी अपनी राय रखी कि क्या चीन ने पाकिस्तान की मदद की। हालांकि चीन पाकिस्तान का मित्र देश है, लेकिन जनरल चौहान ने स्पष्ट किया कि संघर्ष के दौरान चीन ने सीधे तौर पर पाकिस्तान की मदद नहीं की। इस सवाल पर कि क्या चीन ने पाकिस्तान को सैटेलाइट तस्वीरें या गोपनीय जानकारी मुहैया कराई है, उन्होंने कहा कि ऐसी तस्वीरें व्यावसायिक रूप से उपलब्ध हैं और इन्हें चीन या अन्य देशों से हासिल किया जा सकता है।
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Sun, Jun 01 , 2025, 12:34 PM