बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर यू टी खादर ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा) के 18 विधायकों के खिलाफ जारी निलंबन आदेश को बिना शर्त रद्द करने की घोषणा की जिन्हें मार्च में बजट सत्र के दौरान अभद्र व्यवहार के बाद छह महीने के लिए सदन से प्रतिबंधित कर दिया गया था। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया, विपक्ष के नेता आर अशोक और कानून मंत्री एच के पाटिल के साथ बैठक में व्यापक विचार-विमर्श के बाद लिया गया।
बैठक के बाद खादर ने संवाददाताओं से पत्रकारों से बात करते हुए खादर ने कहा कि निलंबित सदस्यों को अपनी गलती का एहसास हो गया है और उन्होंने 21 मार्च को हुई घटना पर खेद व्यक्त किया है, जब भाजपा विधायकों के एक समूह ने सदन के वेल में घुसकर नारे लगाए थे। उन्होंने कहा , “दो महीने बीत चुके हैं और जिन लोगों ने अभद्र व्यवहार किया था, उन्होंने खेद व्यक्त किया है। उन्होंने मुझे बताया कि यह जानबूझकर नहीं किया गया था, बल्कि भावनाओं का सहज प्रकोप था। विपक्ष के नेता ने भी पुनर्विचार का अनुरोध किया, जैसा कि राज्यपाल और कई वरिष्ठ नेताओं ने किया था।”
विधायक के सार्वजनिक जीवन और जिम्मेदारियों पर निलंबन के प्रभाव को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य है कि राज्य भर में सभी विधायकों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाए। उन्होंने कहा “निलंबन से समिति की बैठकों में भाग लेने की उनकी क्षमता प्रभावित होती है और अक्सर सार्वजनिक मंचों पर शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। वे मेरे दुश्मन नहीं हैं, वे मेरे सहयोगी हैं। हम राज्य के व्यापक हित में बिना किसी शर्त के निलंबन हटा रहे हैं।” गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा ने 21 मार्च को भाजपा विधायकों को छह शर्तों के साथ छह महीने के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किया था। आज निलंबन रद्द करने से गतिरोध समाप्त हो गया।
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Mon, May 26 , 2025, 08:33 AM