जीडीपी आंकड़ों पर रहेगी बाजार की नजर! 

Sun, May 25 , 2025, 12:25 PM

Source : Uni India

मुंबई। वैश्विक स्तर पर भू-राजनैतिक तनाव (global geopolitical tensions) और बॉन्ड बाजारों में उथल-पुथल से हुई भारी बिकवाली के दबाव में बीते सप्ताह आधे प्रतिशत से अधिक लुढ़के घरेलू शेयर बाजार (domestic stock market) की नजर अगले सप्ताह अमेरिका के बजट घाटे, मुद्रास्फीति आंकड़े और बेरोजगारी दावों के साथ ही समाप्त वित्त वर्ष के भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) आंकड़ों पर रहेगी। बीते सप्ताह बीएसई (BSE) का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) 609.51 अंक अर्थात 0.74 प्रतिशत का गोता लगाकर सप्ताहांत पर 81721.08 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 166.65 अंक यानी 0.7 प्रतिशत की गिरावट लेकर 24853.15 अंक पर आ गया।

समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों के विपरीत मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में मिलाजुला रुख रहा। इससे मिडकैप 144.42 अंक अर्थात 0.32 प्रतिशत कमजोर होकर सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस को 44861.42 अंक पर आ गया जबकि स्मॉलकैप 475.68 अंक यानी 0.93 प्रतिशत की तेजी के साथ 51521.42 अंक हो गया। विश्लेषकों के अनुसार, बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजार ने काफी उतार-चढ़ाव देखा। इसका मुख्य कारण वैश्विक बॉन्ड बाजारों में उथल-पुथल और भू-राजनीतिक तनाव रहे। सप्ताह की शुरुआत मजबूत रही लेकिन अमेरिका में कमजोर ट्रेजरी नीलामी और बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी ने वैश्विक जोखिम-मुक्त धारणा को प्रबल किया, जिससे सप्ताह के मध्य में सेंसेक्स और निफ्टी में तेज बिकवाली देखने को मिली।

अमेरिका और जापान दोनों में बढ़ते बॉन्ड यील्ड से निवेशकों की चिंता गहराई क्योंकि इससे उभरते बाजारों से विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) का सुरक्षित परिसंपत्तियों की ओर पलायन हो सकता है। इस बीच, अमेरिका द्वारा कंपनियों को चीन खासकर हुवेई टेक्नोलॉजीज के निर्मित कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) चिप्स को इस्तेमाल से रोकने के फैसले ने चीन के साथ व्यापार तनाव को और बढ़ा दिया। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने इस कदम को ‘एकतरफा बदमाशी’ बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया और सख्त प्रतिशोध की चेतावनी दी।

इस व्यापारिक तनाव और अमेरिकी आर्थिक संकेतकों के मिश्रित रुझानों ने बाजार धारणा को अस्थिर किया। इसके बावजूद भारतीय बाजार ने विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की भारी बिकवाली के बीच भी उल्लेखनीय लचीलापन दिखाया। इसका श्रेय घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) और खुदरा निवेशकों की मजबूत खरीददारी को है, जो भारत की दीर्घकालिक आर्थिक संभावनाओं में भरोसे को दर्शाता है। आने वाले समय में भारत में सामान्य मानसून की उम्मीदें कृषि उत्पादन में सुधार की संभावना बढ़ाती हैं, जिससे खाद्य मुद्रास्फीति पर नियंत्रण संभव है। इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से भी महंगाई के दबाव में कमी आने की उम्मीद है। यह परिदृश्य भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को अपनी उदार मौद्रिक नीति बनाए रखने की गुंजाइश देता है, जिससे भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की संभावना बन सकती है।

अगले सप्ताह निवेशकों की नजर अमेरिका के बजट घाटे, महंगाई आंकड़ों और बेरोजगारी दावों के साथ-साथ भारत के वित्त वर्ष 2024-25 के जीडीपी आंकड़ों पर रहेगी, जो बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। घरेलू और वैश्विक दोनों कारकों के बीच संतुलन साधते हुए भारतीय बाजार का लचीलापन आने वाले सप्ताहों में फिर से परखा जाएगा।

बीते सप्ताह बाजार में दो दिन तेजी जबकि तीन दिन गिरावट रही। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज के अमेरिकी सरकार की रेटिंग घटाए जाने से वैश्विक धारणा कमजोर पड़ने के दबाव में स्थानीय स्तर पर आईटी, टेक और फोकस्ड आईटी समेत आठ समूहों में हुई बिकवाली से साेमवार को सेंसेक्स 271.17 अंक लुढ़ककर 82,059.42 अंक और निफ्टी 74.35 अंक टूटकर 24945.45 अंक पर आ गया।

विश्व बाजार में तेजी के बावजूद स्थानीय स्तर पर ऊंचे भाव पर हुई चौतरफा भारी मुनाफावसूली से मंगलवार को शेयर बाजार में कोहराम मच गया। सेंसेक्स 872.98 अंक का गोता लगाकर 81,186.44 अंक और निफ्टी 261.55 अंक की गिरावट लेकर 24683.90 अंक पर बंद हुआ। विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत पिछले लगातार तीन सत्रों की गिरावट से उबरकर बुधवार को शेयर बाजार आधे प्रतिशत से अधिक उछल गया। सेंसेक्स 410.19 अंक की छलांग लगाकर 81,596.63 अंक और निफ्टी 129.55 अंक की तेजी के साथ 24813.45 अंक पर बंद हुआ।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कर और व्यय विधेयक से अमेरिका के सार्वजनिक ऋण में भारी बढ़ोतरी होने तथा ईरान और इजराइल के बीच तनाव बढ़ने की आशंका से विश्व बाजार में आई गिरावट से हतोत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा बिकवाली से गुरुवार को सेंसेक्स 644.64 अंक टूटकर 80,951.99 अंक और निफ्टी 203.75 अंक कमजोर रहकर 24609.70 अंक पर आ गया। विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर इटरनल, एलटी, रिलायंस, टाटा स्टील, एचडीएफसी बैंक, एसबीआई और मारुति समेत 29 दिग्गज कंपनियों में हुई लिवाली की बदौलत शुक्रवार को सेंसेक्स 769.09 अंक की छलांग लगाकर 81,721.08 अंक और निफ्टी 243.45 अंक की तेजी लेकर 24853.15 अंक पर बंद हुआ।

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