NMCG Working Committee: एनएमसीजी की कार्य समिति की बैठक में विभिन्न परियोजनाओं को दी गयी मंजूरी!

Thu, May 22 , 2025, 08:51 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

नयी दिल्ली: स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन की 63वीं कार्य समिति (63rd Working Committee meeting) की बैठक में बुधवार विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी, जिनमें बुनियादी ढांचा परियोजनाएं, वैज्ञानिक अध्ययन, तकनीकी समाधान और कायाकल्प योजनाएं शामिल हैं। गंगा और उसकी सहायक नदियों के पुनरुद्धार को लेकर स्वच्छ गंगा के लिए गठित कार्यकारी समिति की बैठक का मुख्य केंद्र इसके उद्देश्य जल गुणवत्ता में सुधार, टिकाऊ शहरी जल प्रबंधन और गंगा बेसिन में पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के साथ संरेखित करना रहा। इन योजनाओं का उद्देश्य केवल अल्पकालिक सुधार नहीं, बल्कि दीर्घकालिक और मापनीय प्रभाव सुनिश्चित करना है, ताकि नदियों और जल निकायों का अस्तित्व भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रहे।

बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक शहर आगरा में सीवेज प्रबंधन परियोजना को मंजूरी दी गई, जिसका कुल बजट ₹126.41 करोड़ है। इस परियोजना के तहत 40 इंटरसेप्शन और डायवर्सन संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। साथ ही 21.20 किलोमीटर इंटरसेप्शन और डायवर्सन सीवर लाइनें भी बनाई जाएंगी। इसके अलावा 08 आधुनिक पंपिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे और जल स्रोतों को प्रदूषण से बचाने के लिए 05 प्रमुख नालों में प्रभावी ट्रैश स्क्रीन लगाई जाएंगी। यह परियोजना डिजाइन-बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर मॉडल पर आधारित है।

समिति ने लगभग छह करोड़ रुपये के बजट के साथ “कोसी, गंडक और महानंदा नदियों का पर्यावरणीय प्रवाह आकलन” और लगभग आठ करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ “घाघरा और गोमती नदी घाटियों में पर्यावरणीय प्रवाह आकलन” की परियोजना को भी मंजूरी प्रदान की। ये दोनों परियोजनाएँ अगले तीन वर्षों में नदियों में टिकाऊ और अनुकूली प्रवाह व्यवस्थाओं के विकास का मार्ग प्रशस्त करेंगी।

इसके अलावा, जोहकासौ प्रौद्योगिकी-आधारित और अन्य कॉम्पैक्ट प्लग एंड प्ले प्रौद्योगिकियों के घरेलू अपशिष्ट जल उपचार के लिए प्रभावशीलता की निगरानी और दिशानिर्देश बनाने के लिए एक परियोजना को मंजूरी दी गई। यह परियोजना भारत में ऑन-साइट सीवेज उपचार की गुणवत्ता और स्थिरता को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू की जा रही है।

बैठक में अगले दो वर्षों के लिए 2.47 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ उत्तराखंड के देहरादून जिले में रामसर साइट 'आसन वेटलैंड' के संरक्षण और प्रबंधन परियोजना को मंजूरी दी गई। इस पहल का लक्ष्य वेटलैंड की जैव विविधता और पारिस्थितिक स्वास्थ्य को फिर से जीवंत करना है। इसमें वेटलैंड सूची, मूल्यांकन और निगरानी प्रणालियों के विकास के साथ-साथ संरक्षण उपायों की योजना बनाने की मंजूरी शामिल है। बैठक में एनएमसीजी के महानिदेश राजीव कुमार मित्तल, विद्युत मंत्रालय से संयुक्त सचिव महावीर प्रसाद, एनएमसीजी के उप महानिदेश नलिन श्रीवास्तव सहित तमाम आला अधिकारी मौजूद रहे।

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